Hardoi News: हरदोई में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने संसद में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पेश होने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ मोदी जी ही कर सकते हैं। महिला आरक्षण बिल पास होने से महिलाओं को उनका हक मिलेगा। संसद में उनकी संख्या बढ़ेगी। महिलाओं के हक की बात तो काफी समय से की जाती रही, लेकिन किसी ने इसके लिए कदम नहीं उठाया। यह कानून बनने से महिलाएं सशक्त होंगी। महिलाएं सशक्त होंगी, तो देश सशक्त होगा।
महिला आरक्षण बिल 1996 से ही अधर में लटका हुआ है। उस समय एचडी देवगौड़ा सरकार ने 12 सितंबर 1996 को इस बिल को संसद में पेश किया था। लेकिन पारित नहीं हो सका था। यह बिल 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पेश हुआ था। बिल में संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव था।
इस 33 फीसदी आरक्षण के भीतर ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए उप-आरक्षण का प्रावधान था। लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं था। इस बिल में प्रस्ताव है कि लोकसभा के हर चुनाव के बाद आरक्षित सीटों को रोटेट किया जाना चाहिए। आरक्षित सीटें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन के जरिए आवंटित की जा सकती हैं। इस संशोधन अधिनियम के लागू होने के 15 साल बाद महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण खत्म हो जाएगा।