चित्रकूट: चित्रकूट में रामनवमी का पर्व बेहद खास है। यह वही चित्रकूट है जहां प्रभु श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष रुके थे। भाई भरत सब तीर्थ का जल लेकर उनको मनाने आए थे, और अयोध्या वापस चलने की बात कही थी। लेकिन, प्रभु श्री राम ने भाई भरत को अयोध्या वापस जाने के लिए मना कर दिया था। तभी भाई भरत प्रभु श्री राम की खड़ाऊ लेकर वापस अयोध्या निकल गए और अपने साथ लिए सभी तीर्थों के जल को भरतकूप में बने एक कुएं में डाल गए। आज भी उस कुएं का जल पीने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं और अपने साथ उस जल को ले जाते हैं।
अब ऐसे में रामनवमी का पर्व आ रहा है, जिसे लेकर धर्मनगरी चित्रकूट में भी विशेष तरह की तैयारियां की जा रही हैं। इस पर्व को भव्य बनाने के लिए चित्रकूट प्रशासन के साथ चित्रकूट के साधु संत भी इसमें जुटे हुए हैं। धर्मनगरी चित्रकूट में 17 अप्रैल रामनवमी के दिन चित्रकूट के साधु संत व उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश का प्रशासन 11 लाख दीप प्रज्वलित करने जा रहा है। इसे लेकर तेजी से तैयारियां चल रही हैं।
बता दे कि रामनवमी के पर्व में पिछले साल भी 11 लाख दीप प्रज्वलित कर धर्मनगरी को सजा दिया गया था। इस बार भी रामनवमी के पर्व के दिन रामघाट, कामतानाथ सहित अन्य धार्मिक स्थलों को मिलाकर शाम 7 बजे 11 लाख दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। कामतानाथ के महंत मदन गोपाल दास ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 अप्रैल यानी रामनवमी के दिन धर्म नगरी चित्रकूट में भी 11 लाख दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे। इसके साथ ही मठ मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ साथ प्रभु श्री राम की भव्य यात्रा भी निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम का चित्रकूट से अटूट नाता रहा है, क्योंकि, चित्रकूट में ही प्रभु श्री राम ने माता शबरी के झूठे बेर भी खाए थे।