रामपुर : अखिलेश यादव की आज़म खा से मुलाकात के लिए रामपुर आने को लेकर पूछे गए सवाल पर आजम खां ने तंज कसा। कहा कि अखबारों से पता चला। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के जेल से बाहर आने से पहले से ही तरह तरह की चर्चाएं चल रही हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव से दूरी और बसपा से नजदीकियों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। कई अटकलों और चर्चाओं को खारिज भी किया है।
अखिलेश यादव आठ अक्तूबर को आजम खां से मिलने रामपुर आने का ऐलान कर चुके हैं। इसी सवाल पर आजम खां ने कहा कि इसकी जानकारी अखबारों से मिली है। हम तो एक छोटी सी गली में रहते हैं, जहां कई फिट पानी भर जाता है। बड़े लोग आएंगे तो अच्छा लगेगा। हर बड़े आदमी का स्वागत है। कहा कि बड़े आदमी मेरे घर तशरीफ लाएंगे तो मेरी इज्जत अफजाई ही होगी।
इसके साथ ही जेल में धीमा जहर देने के सपा नेता शाहिद सिद्दीकी के दावों को भी आजम खां ने खारिज किया। उन्होंने कहा कि शाहिद सिद्दीकी एक अच्छे नेता हैं। मुलाकात के दौरान हुई बातों को समझने में उन्हें गलतफहमी हुई है। आजम खां ने कहा कि जेल में जब टीवी और अखबारों से मुख्तार अंसारी के इंतकाल की खबर पता चली और जेल में उन्हें धीमा जहर देने की खबरें भी सुनीं, तो मैं भी बहुत सतर्क हो गया था। उसके बाद खाने-पीने में बेहद एहतियात बरतने लगा था।
सिद्दीकी ने दावा किया था कि आजम खां उसके बाद खुद खाना बनाने लगे थे। इस पर आजम खां ने कहा कि वह खुद खाना बना ही नहीं सकते थे। कहा कि दोपहर में एक पतली रोटी और शाम को भी उसी तरह रोटी का आधा हिस्सा खाकर गुजारा करते थे। पेट भरने के लिए नींबू से आचार बना लेते थे।
उन्होंने कहा कि पांच साल एक छोटी कोठरी में रहने का सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ा है, इसलिए फिलहाल उनकी प्राथमिकता स्वास्थ्य को बेहतर करना है। जेल से छूटने के बाद दो दिन ही रामपुर में रहे आजम खां इलाज के लिए दिल्ली चले गए थे। रविवार को वह दिल्ली से रामपुर पहुंचे। सोमवार को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी का भी दौरा किया। यहां उन्होंने छात्रों से बातचीत की और उन्हें सियासी, सामाजिक मुद्दों पर संवाद किया।