तेहरान (Nobel Prize 2023): नार्वे की नोबल कमिटी ने ईरान की मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को साल 2023 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया है। उन्होंने ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उन्हें ईरान में मानवाधिकारों, स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कृत किया गया है।
नोबेल कमिटी ने कहा कि नरगिस को इसके लिए निजी कीमत चुकानी पड़ी। उन्हें अब तक 13 बार अरेस्ट किया जा चुका है। यही नहीं 5 बार दोषी ठहराया जा चुका है। नरगिस ने 31 साल जेल में बिताए हैं। यही नहीं उन्हें 154 कोड़े भी मारे गए हैं। 1990 के दशक से ही नरगिस महिलाओं के हक के लिए आवाज उठा रही थीं। उन्होंने ईरान में सामाजिक सुधारों के लिए बहस करते हुए कई लेख लिखे हैं। नरगिस ने एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम व्हाइट टॉर्चर है।
उनकी किताब ‘व्हाइट टॉर्चर: इंटरव्यूज़ विद ईरानी वूमेन प्रिज़नर्स’ ने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और मानवाधिकार फोरम में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के लिए एक पुरस्कार भी जीता। मोहम्मदी नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला हैं और 2003 में शिरीन एबादी के बाद यह पुरस्कार जीतने वाली दूसरी ईरानी महिला हैं। बता दें कि 122 साल के इतिहास में यह पांचवीं बार है, जब शांति पुरस्कार किसी ऐसे व्यक्ति को दिया गया है जो जेल में है या फिर घर में नजरबंद है।
ईरान में सितंबर 2022 में एक युवा कुर्दिश महिला महसा जिना अमीनी की ईरान की पुलिस की हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद पूरे ईरान में जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। लोगों ने ईरान की सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने महिलाओं को स्वतंत्रता देने की मांग की। इस प्रदर्शन में लाखों की तादाद में ईरानी लोगों ने हिस्सा लिया था।
ईरान ने उनको सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। नरगिस मोहम्मदी के पति तागी भी एक पॉलिटिकल एक्टिविस्ट हैं, जिन्हें ईरान की सरकार ने 14 साल जेल की सजा दी थी। एक इंटरव्यू में नरगिस बता चुकी हैं कि वे लंबे समय से अपने परिवार के कई सदस्यों से नहीं मिली है।
हैरान करने वाली बात ये है कि उन्होंने 8 साल से अपने बच्चों को देखा तक नहीं है। उन्होंने आखिरी बार अपनी जुड़वां बेटियों अली और कियाना की आवाज एक साल पहले सुनी थी। नरगिस दोनों बेटियां उनके पति तागी रहमानी के साथ फ्रांस में रहती हैं।