हरदोई। जिले के जिला पंचायत राज अधिकारी को ई- लोडर और ई- रिक्शा के बीच का फर्क नहीं मालूम है? मालूम हो कि जिले की ग्राम पंचायत में कूड़ा उठाने के लिए ई- लोडर खरीदे गए थे लेकिन जब डीपीआरओ से ई- लोडर की खरीद के बारे में जानकारी की गई तो उन्होंने कहा की ई- लोडर नहीं खरीदे गए ई रिक्शा खरीदे गए है।
जब उनसे पूछा गया कि ई रिक्शा किस लिए खरीदे गए तो बताया कि कूड़ा उठाने के लिए जबकि ई- रिक्शा सवारियां ढोने के लिए होता है उन्हें बताया गया कि कूड़ा ई-लोडर से उठाया जाता है ई- रिक्शा पर नहीं फिर भी उन्होंने कहा कि ई-लोडर नहीं खरीदे गए है ई-रिक्शा ही खरीदे गए हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि डीपीआरओ साहब को ई- रिक्शा और ई- लोडर का फर्क ही नहीं मालूम है?मालूम हो कि ई- रिक्शा सवारियां ढोने के काम आता है और ई लोडर माल ढुलाई के काम आता है इसी लोडर में गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा उठाने के लिए ग्राम पंचायत के लिए क्रय किए गए थे।
रिपोर्ट – सईद अहमद