पाली-(Hardoi): कस्बे में स्थित सेठ बाबूराम भारतीय इण्टर कालेज में हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ वेदप्रकाश द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के होनहार छात्र/छात्राओं ने हिंदी दिवस पर अपनी मात्र भाषा हिंदी को लेकर अपने अपने सुविचार व्यक्त किये।
कक्षा 12 ग का होनहार छात्र अभिनव दीक्षित ने बहुत ही सुंदर ढंग से हिंदी दिवस के अवसर पर अपने विचारों को व्यक्त करते हुए बताया कि हिंदी को लेकर करीब तीन साल तक बहस चलती रही ।इस दौरान तमाम जानकारों और विद्वानों ने अपने पक्ष रखे। लंबी बहस और चर्चा के बाद आखिरकार मुंशी आयंगर फार्मूले वाले समझौते पर मुहर लगी।
14 सितम्बर 1949 को एक कानून बनाया गया, जिसमें हिंदी को राष्ट्र भाषा नहीं बल्कि राजभाषा का दर्जा दिया गया। अनुच्छेद 351 और 343 में इसे परिभाषित किया गया। इसमें कहा गया कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवानागरी होगी। भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में हिंदी भाषा बोली जाती है।
वहीं 12 ब की छात्रा दिव्या अवस्थी ने आसान होते हैं संवाद जब कथन हिंदी में कहती हूँ,और लगे प्यारी मुझे ये ,जब हर शब्द इसका लिखती हूँ।कविता के माध्यम से बड़े दी रोचक ढंग से अपने विचारों को व्यक्त किया।
साथ ही छात्रा शालिनी मिश्रा ने मां की ममता है हिंदी ,पिता की छाया है हिंदी,भारत की पहचान और भारत माँ की शान है हिंदी कविता के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया,हिंदी दिवस के अवसर पर भावना,साक्षी,निशा,गौरी,छात्र सिद्धार्थ कुशवाहा ने विचार संगोष्ठी में अपने विचारों को व्यक्त करते हुए सभी को हिंदी दिवस शुभकामनाएं दीं।
शिक्षक विजय कुमार यादव ने विचार संगोष्ठी में हिंदी दिवस पर बच्चों को विस्तार से हिंदी भाषा व अन्य भाषाओं के बारे में बताया और कहा कि सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए।क्योंकि किसी एक भाषा के ज्ञान से आप ज्ञानी नहीं बन सकते।
हिंदी हमारी मात्र भाषा होने के साथ साथ हमें भारतीय संस्कृति के बारे जानकारी देती है और हिंदी भाषा जीवन में प्रेरणादायी सिद्ध हुई है। साहित्य कारों की रचनाओं के बारे में भी बच्चों को बताया। साथ ही उन्होंने बताया कि हिंदी दुनिया की तीसरी भाषा है।जो सबसे ज्यादा बोली जाती है। भारत में हिंदी बोलने वालों की संख्या की बात करें तो 2011 की जनगणना के मुताबिक करीब 43 फीसदी लोग हिंदी बोलते हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा बंगाली और मराठी बोली जाती है।
प्रधानाचार्य ने विचार संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी भाषा हमारी मां है यदि हम अपनी माँ का सम्मान नहीं कर सकते तो फिर हम किस मां का सम्मान करेंगे। हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने बच्चों को हिन्दी के गीत, कविताएं, याद करना, सुप्रभात बोलना आदि सिखाने व हिंदी को अपनाने पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीयअटल बिहारी बाजपेई ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया था। उनका हिंदी में दिया गया भाषण इतना लोकप्रिय माना गया कि आज तक संयुक्त राष्ट्र संघ में इतना लोकप्रिय भाषण और कोई नहीं माना गया। हिंदी को उन्होंने भारतीय संस्कार एवं हिंदी कोई धर्म विशेष की भाषा नहीं है। हिंदी भाषा बहु भाषाओं का मेल है। हिंदी भारत की पहचान है।
हिंदी को आसान भाषा बताते हुए प्रधानाचार्य ने कहा कि हिंदी बोलिये, सुनिये पढ़िए, लिखिए, और आसानी से हिंदी सीखने के और भी गुर बताये। इस कार्यक्रम के संयोजक हिंदी के प्रवक्ता राजेश प्रकाश मिश्रा, प्रदीप कुमार मिश्रा को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विचार संगोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले बच्चों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं साथ ही प्रतिभागी बच्चों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुरस्कृत करने की घोषणा की।
रिपोर्ट जनार्दन श्रीवास्तव