हरदोई: जिला कृषि अधिकारी ने बताया है कि मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा फसल अवषेश/पराली में आग लगाना दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है। उसके तहत 02 एकड़ तक रू0-2500.00, 05 एकड़ तक रू0-5000.00 एवं 05 एकड़ से अधिक होने पर रू-15000.00 अर्थदण्ड का प्राविधान है। कही भी फसल अवषेश/पराली की घटना न हो इसके लिए पुलिस विभाग, राजस्व विभाग एवं कृषि विभाग की टीम द्वारा प्रतिदिन संवेदनशील ग्रामों का भ्रमण किया जा रहा है तथा किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
इसी क्रम मे आज विकास खण्ड बावन के ऐजा ग्राम में फसल अवशेष/पराली न जलाने हेतु जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिला कृषि अधिकारी ने फसल अवषेश/पराली को जलाने से होने वाले दुष्परिणामों से किसानों को अगवत कराया तथा अपील की कि किसान भाई अपने खेत में फसल अवषेश/पराली कदापि न जलाये।
उन्होने बताया कि पराली/फसल अवशेष जलाने से मृदा ताप में वृद्धि होती है, जिसके कारण मृदा के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पादप अवषेशों में लाभदायक मित्र कीट जलकर मर जाते है, जिसके कारण वातावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। फसल अवषेश को जलाने से किसानों की नजदीकी फसलों में और आबादी में आग लगने की सम्भावना बनी रहती है।
वायु प्रदूषण में अनेक बीमारियॉ तथा धुंध के कारण दुर्घटनाएं हो सकती हैं। विनीत कुमार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, सदर द्वारा किसानों को बताया कि किसान भाई फसल अवषेश से कम्पोस्ट खाद बनाकर प्रयोग करने से खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है तथा भूमि में लाभदायक जीवाणु की संख्या में वृद्धि होती है।
किसान भाई फसल अवषेश में प्रबन्धन हेतु 50 प्रतिशत एवं 80 प्रतिषत अनुदान पर कृषि यंत्र सुपर सीडर, मल्चर, हैप्पी सीडर, पैडीस्टंाचापर, बेलर, श्रबमास्टर, ष्लेसर, आदि यंत्र अनुदान पर क्रय कर सकते है, जिसके उपयोग से फसल अवषेश/पराली को खेत में मिलाकर मिट्टी की उवर्रा शक्ति बढ़ा सकते है। उन्होने किसानों से आग्रह किया कि फसल अवषेश/पराली को न जलाये बल्कि गौषालाओं में पहॅचाये तथा गोबर की खाद प्राप्त करें।
कृषक फसल अवषेश की दो टंाली गोशाला को देकर बदले में एक टंाली गोबर की खाद प्राप्त कर सकते है, जिससे जहॉ एक ओर गौवंश को चारा मिलेगा वही दूसरी ओर किसानों को भूमि के लिए उपयोगी गोबर की खाद प्राप्त हो सकेगी। इसके अतिरिक्त किसान के खेत में फसल अवषेश/पराली के प्रबन्धन के कृषि बेलर का प्रयोग कर प्रदर्शन करके दिखाया गया। उक्त अवसर पर प्रभारी राजकीय कृषि बीज भण्डार एवं कृषि विभाग क्षेत्रीय कर्मचारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – जनार्दन श्रीवास्तव