मुंबई – मुंबई के विक्रोली स्थित अभय इंटरनेशन स्कूल के हॉल में सर्वद पुरस्कार सम्मान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। ये आयोजन में वर्षों से सामाजिक कार्य करने वाली सर्वद फाउंडेशन ने महाराष्ट्र की 40 हस्तियों का सम्मान किया, जहां मुख्य अतिथि के रुप में वरिष्ठ पत्रकार लेखक निर्माता निर्देशक देवेंद्र खन्ना, जानी पहचानी मराठी हिंदी अभिनेत्री पूनम चांदूरकर, स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रशंसा राउत दलवी उपस्थित हुए।
इन्हीं के हाथों सभी का सम्मान किया गया। यहां एक खास बात ये थी कि यहां सभी सम्मान मूर्तियों का परिचय वीडियो भी दिखा गया। जिसको देखकर पता चला की यहां महाराष्ट्र के एक से बढ़कर एक नगीने एकसाथ आ गए। यहां आयोजिका डॉक्टर सुचिता पाटिल ने स्वयं सूत्र संचालन करते हुए सर्वद फाउंडेशन और इस कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी दी।
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मुंबई के विक्रोली स्थित अभय इंटरनेशन स्कूल के हॉल में सर्वद पुरस्कार सम्मान कार्यक्रम का आयोजन |
सुचिता ने बताया कि इस अवॉर्ड के लिए हमें कला साहित्य और सामाजिक कार्यों में एक खास मकाम पाने वाले 350 से अधिक लोगों ने अपने प्रोफ़ाइल हमारे पास भेजे थे, इनमें हमारी जूरी टीम ने 40 हस्तियों को चुना जो आज यहां है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए देवेंद्र खन्ना ने कहा कि यहां की सम्मान मूर्तियों को देखते हुए पता चलता है कि यह एक असली प्योर अवार्ड है जहां कोई भी अवार्ड बेचा या खरीदा नहीं गया है। जबकि आज हर दिन एक ऐसा प्रोग्राम होता है जहां अवार्ड बिकते हैं और खरीदने वाले खरीदते हैं और फिर जा जाकर सोशल मीडिया पर उसका बखान करते है।
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सर्वद फाउंडेशन ने महाराष्ट्र की 40 हस्तियों का किया सम्मान |
इस सुंदर आयोजन के लिए मैं डॉक्टर सुचिता पाटिल को ढेर सारी बधाई देना चाहूंगा और उनकी टीम के ओंकार देशमुख व सभी सदस्यों को जिन्होंने मेहनत करके इन 40 हस्तियों को ढूंढा है और कार्यक्रम को सफल बनाया है उनका भी मैं तहे दिल से शुक्रगुजार हूं। उनकी इस मेहनत को मै सलाम करता हूं।
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सर्वद फाउंडेशन ने महाराष्ट्र की 40 हस्तियों का सम्मान किया |
इसके साथ ही देवेंद्र खन्ना ने कहा कि आज यहां चूंकि बहुत सारे साहित्यिक हस्तियां उपस्थित है तो मैं यहां बताना चाहूंगा कि आज हम अपनी साहित्यिक धरोहर को खोते जा रहे है उसे बचाने के लिए हमें साहित्य का प्रचार प्रसार करना चाहिए हमें हमारे बच्चों और फिर उनके बच्चों को साहित्य की राह दिखनी चाहिए।
मोबाइल जैसी लाइलाज बीमारी से बचाने के लिए उन्हें साहित्य की ओर अग्रसर करना चाहिए। उन्हें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। अगर हमने इस और कदम नहीं उठाया तो आने वाले कुछ सालों में हमारा साहित्य पूरी तरह से धूमिल हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सर्वद फाउंडेशन की पूरी टीम को आभार माना कि उन्होंने इस बेहतरीन कार्यक्रम के लिए उन्हें बुलाया।
रिपोर्ट- गिरजा शंकर अग्रवाल