नई दिल्ली, 9 अक्टूबर माल एवं सेवा कर (GST) परिषद मार्च, 2026 के बाद विलासिता वाली और वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर लगाकर जमा किए गए राजस्व के बंटवारे पर चर्चा करेगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोविड महामारी के दौरान राज्यों को हुए राजस्व हानि की भरपाई के लिए केंद्र ने जो कर्ज लिया था, उसे चुकाने की समय सीमा मार्च 2026 है।
GST को लागू करने के बाद राज्यों के राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए शुरू में पांच वर्षों के लिए क्षतिपूर्ति उपकर लाया गया था। क्षतिपूर्ति उपकर जून, 2022 में समाप्त हो गया, लेकिन इसके जरिये जमा की गई राशि का इस्तेमाल 2.69 लाख करोड़ रुपये के मूलधन और ब्याज को चुकाने के लिए किया जा रहा है, जो केंद्र ने कोरोना के दौरान कर्ज लिया था।
GST क्षतिपूर्ति उपकर पर ले सकती है फैसला
GST परिषद को अब इसके नाम और राज्यों के बीच इसके वितरण के तौर-तरीकों के संबंध में ‘GST क्षतिपूर्ति उपकर’ के मुद्दे पर निर्णय लेना है। GST परिषद की सात अक्टूबर को हुई 52वीं बैठक में कुछ राज्यों ने यह मुद्दा उठाया था। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि GST क्षतिपूर्ति उपकर खाते के तहत जुटाए गए कर का मुद्दा कर्नाटक ने उठाया।
उन्होंने कहा, ‘मार्च 2026 के बाद उपकर राशि का क्या होगा! जब कोई मुआवजा नहीं है, तो आप उपकर राशि का क्या करेंगे! क्या उपकर होगा या किसी दूसरे नाम से उपकर होगा। क्या यह किसी दूसरे मकसद के लिए होगा। आप इसका बंटवारा कैसे करेंगे, क्या इसका आधार 2015-16 वित्त वर्ष होगा या कोई नई तारीख होगी! इस पर परिषद की सर्वसम्मति यह थी कि यदि आप इसके बारे में बात करने जा रहे हैं, तो हमें एक नए वित्त वर्ष (आधार वर्ष) के बारे में बात करनी चाहिए।