सरकार ने ‘कैश-ऑन-डिलीवरी’ पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर सख्त रुख अपनाते हुए सरकारी जांच का ऐलान किया है।
सोशल मीडिया पोस्ट से ‘डार्क पैटर्न’ के तहत ग्राहकों से गुमराह कर शुल्क लेने का खुलासा होने पर यह जांच शुरू हुई। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे उपभोक्ताओं का शोषण बताया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का यह कदम एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आया है। उस पोस्ट में ऐसे अनाप-शनाप के चार्जेस का खुलासा हुआ था। इससे लोगों में गुस्सा फूटा। इसके बाद ‘डार्क पैटर्न’ कहे जाने वाले इस मुद्दे पर बड़ी बहस छिड़ गई है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब इस हफ्ते की शुरुआत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट वायरल हुआ। इसमें एक ग्राहक ने फ्लिपकार्ट के एक ऑर्डर पर 226 रुपये के अतिरिक्त सीओडी चार्ज पर पर चिंता जताई थी। इस चार्ज के विवरण में ‘ऑफर हैंडलिंग फीस’, ‘पेमेंट हैंडलिंग फीस’ और ‘प्रोटेक्ट प्रॉमिस फीस’ जैसे नाम शामिल थे।