झांसी: झांसी जिला जेल के अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि जेल में पुरूष और महिला बंदी को अलग-अलग रखा जाता है। दोनों के बैरक अलग बने हुए है।अगर पति-पत्नी भी जेल में बंद हो तब भी उन्हें अलग बैरक में ही रखा जाता है। इनके लिए कोई अलग से नियम नहीं है। सुरक्षा कारणों से पुरुष और महिला बंदियों को अलग ही रखा जाता है।
खास मौकों पर होती है मुलाकात
जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि जेल में बंद पति-पत्नी की मुलाकात किसी खास अवसर पर ही करवाई जाती है। करवा चौथ जैसे त्योहार पर दोनों की मुलाकात कॉमन एरिया में कुछ समय के लिए करवाई जाती है। भारत की जेलों में कई ऐसे कैदी बंद हैं जो रिश्ते में पति-पत्नी है। इस दौरान उन्हें अलग बैरक में ही रहना होता है और आम कैदियों की तरह ही सुविधाएं मिलती हैं।