Sultanpur News: उत्तर प्रदेश विधिज्ञ परिषद ने 1 जुलाई से पूरे देश में लागू नए कानूननो पर विरोध जताने के लिए जिला व तहसील अधिवक्ता संघों से आपत्ति व सुझाव मांगे हैं। इसी क्रम में बार स्थित सभागार में पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ताओं की बैठक शुक्रवार को सम्पन्न हुई, जिसमें नए साक्ष्य अधिनियम में भाव भंगिमा की धारा (315) पर चर्चा करते हुए अरविंद सिंह राजा ने कहा कि यह न्यायाधीशों द्वारा तय हो सकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंस से नहीं।
जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि साक्ष्य को इंग्लिश में एविडेंस ही कहेंगे रोमन में साक्ष्य लिखकर नामकरण करना हास्यपद है। काशी प्रसाद शुक्ला ने कहा कि अभियुक्तों की न्यायिक अभिरक्षा 60 व 90 दिन करने से पुलिस की मनमानी बढ़ेगी। बैठक में यह भी कहा गया कि नए कानून में दहेज उत्पीड़न व गिरफ्तारी के सबंध मे सर्वोच्च न्यायालय के शिवमंगल शुक्ला, नागेंद्र सिंह, राम विशाल तिवारी के सुझावों को शामिल नहीं किया गया है।
नए कानून की डेढ़ दर्जन धाराओं पर आपत्ति व सुझाव तैयार किया गया। अध्यक्ष अरविन्द पांडे ने बताया कि इसे बारकॉउंसिल को भेज दिया गया है। संचालन महामंत्री आर्त मणि मिश्र ने किया। इसमें अयूब उल्ला, सुधांशु श्रीवास्तव, राय बहादुर सिंह, नरेन्द्र बहादुर सिंह, रामफेर यादव, गिरिजा प्रसाद शुक्ला, आदि उपस्थित रहे।