बांग्लादेश: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने खिलाफ हो रहे आंदोलनों के बाद इस्तीफा दे दिया है। यहां जानते हैं कि शेख हसीना के देश छोड़ने और सत्ता सेना के हाथ में जाने तक, बांग्लादेश में अब तक क्या हुआ?
अब तक यहां सरकारी नौकरियों में एक तिहाई नौकरियां, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के लिए आरक्षित थीं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब इसे घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है।
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प्रदर्शन करते बांग्लादेशी |
बांग्लादेश की सरकार ने अभी तक सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। बीते कुछ दिनों से यहां के विश्वविद्यालयों के हज़ारों छात्र सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन हिंसक होने के बाद विपक्ष के कई नेताओं को भी हिरासत में लिए जाने की ख़बरें हैं।
17 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश के लिए सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शन कोई नई बात नहीं है। लेकिन हालिया विरोध प्रदर्शनों को अब तक का सबसे ख़राब प्रदर्शन बताया जा रहा है।
छात्रों ने दिया 48 घंटों का अल्टीमेटम
प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। सिर्फ़ शुक्रवार को 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है। हालात बिगड़ते देख सरकार ने पूरे देश में इंटरनेट बंद कर दिया है और फ़ोन सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। विश्वविद्यालय के परिसरों में शुरू हुआ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन अब देशव्यापी अशांति में बदल गया है।
बांग्लादेश आरक्षण में शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों में आग लगा दी। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर देश छोड़ चुकी हैं। भारत की तरफ रवाना हैं, सूत्रों का कहना है कि दिल्ली आ सकती हैं। अभी उनका विमान भारत की सीमा में है। हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के तुरंत बाद आर्मी चीफ वकार उल जमां ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने अस्थाई सरकार के गठन का भरोसा दिया। अब देश की कमान बांग्लादेशी सेना के हाथों में है।
हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद छात्रों में जश्न का माहौल है। ढाका की सड़कों से छात्रों के जश्न की तस्वीरें आनी शुरू हो गई हैं। जश्न में डूबे जोशीले प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास ढाका पैलेस में भी घुस गए हैं।