लखनऊ: पीएम मोदी 73वां जन्मदिन आज पुरे देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। पीएम ने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना को लांच किया है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना से 18 व्यवसायों से जुड़े लोगों को फायदा मिलेगा, जिसमें कारपेंटर (बढ़ई), नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले ( मरम्मत कार), हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राज मिस्त्री, टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले शामिल हैं।
लखनऊ में CM योगी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा, नए भारत के हस्त शिल्पियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। यह नई स्कीम है, जिसमें गांव देहात के हस्तकला का प्रदर्शन करने वालों को लाभान्वित किया जायेगा। पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल के आगे बढ़ाने में इस योजना से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही भारतीय सेना के उपयोग में लाए जाने वाली वस्तुओं को बनाने की ओर ध्यान दिया गया है। सेना के प्रयोग के लिए लगभग सारे हथियार, फाइटर जेट, टैंक्स भारत में ही बन रहे हैं। डिफेंस एक्सपोर्ट के क्षेत्र में भी वित्तीय वर्ष में 16,000 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है। पहले कामगारों को बैंक से लोन लेने के लिए सिक्योरिटी मांगी जाती थी। लेकिन अब बिना सिक्योरिटी के लोन मिल रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत एक सोने की चिड़िया थी। हम एक देश के लिए इतने आत्मनिर्भर थे कि अपनी जरूरत पूरी करने के साथ दूसरे देशों की भी जरूरत पूरी करते थे। शिल्पकार और कारीगरों के सम्मान का आज मौका है। शिल्पकार और कारीगरों ने ही भारत को सोने का चिड़िया बनाया। आजादी के बाद से छोटे उद्योगे से ध्यान हटा कर बड़े उद्योग पर ध्यान देने की सोची। लेकिन न तो वो बड़े उद्योगों पर ध्यान नहीं दे पाए और छोटे उद्योगों का भी नुकसान हुआ। पहले भारत अपने कारीगरों और हस्तशिल्पियों की वजह से जाना जाता था।
उन्होंने कहा, पहले की सरकार में 1000 करोड़ का एक्सपोर्ट भर के देशों में होता था। लेकिन आज 16000 से ज्यादा का एक्सपोर्ट विदेशों में कर रहे हैं । यह अगले एक साल में 2500 करोड़ तक पहुंच जाएगा। डिफेन्स एक्सपोर्ट के क्षेत्र में आज हम दूसरे देशों को एक्सपोर्ट कर रहे हैं। पिछली सरकारों ने आपसे आपका सम्मान छिना। आपके कामों को कभी उद्योग धंधों में नही माना। शिल्पकार और कारीगरों को बैंकिग व्यवस्था से दूर रखा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से शिल्पकार और कारीगरों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया। झोपड़ी में रहने वाले लोगों के जनधन खाते खुलवाए गए। 5 करोड़ से अधिक खतौनी में 2 लाख करोड़ से अधिक पैसा कारोगरों का जमा है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना से कारीगरों को पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें शिल्पकार और कारीगरों को कभी ट्रेनिंग नही दी। लेकिन हम आपको ट्रेनिंग के दौरान 500 रुपए भत्ता भी देने का काम करेंगे। आप हर दिन नई-नई तकनीकी सीखकर आगे बढ़े।