Lakhimpur News: परमवीर-चक्र विजेता मां भारती के सच्चे सपूत अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद की पुण्यतिथि गोला में मनाई गई। वीर अब्दुल हमीद की पुण्यतिथि पर जिला पंचायत सदस्य वारिस अली अंसारी ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। सभी ने अपने विचार रखें। कहा, भारत के वीर सैनिकों ने कई बार जंग के मैदान में बहादुरी की ऐसी मिसाल पेश की हैं। जिन पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। अब्दुल हमीद उनमें से एक थे।
महावीर चक्र, परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद
उन्होंने बताया कि साधारण परिवार में वीर अब्दुल हमीद 21 दिसंबर 1954 में भारतीय सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट में भर्ती हुए। वीर अब्दुल हमीद को बहादुरी के लिए उन्हें पहले महावीर चक्र और फिर सेना का सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से अलंकृत किया गया। सारा देश उनकी बहादुरी को सलाम करता है।
वीर अब्दुल हमीद ने पाकिस्तान के किये होश फाख्ता
1965 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में 10 सितंबर को हुई असल उत्ताड़ की लड़ाई। इस लड़ाई को पूरे के पूरे युद्ध में एक निर्णायक और पासा पलट देने वाली लड़ाई माना जाता है। इसी से पाकिस्तान जिसने पूरे जोशो खरोश के साथ जब हिंदुस्तान पर हमला किया था। उसी पाकिस्तान के होश फाख्ता हो गए थे और अचानक हुए हमले के बाद भारतीय पाकिस्तान सेना पर हावी होने लगी थी। इस लड़ाई को अब्दुल हमीद के अत्लुनीय योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने अकेले 8 टैंक तबाह किये।
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ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर आमिर हसन, यूनुस अली, हाजी जमाल अहमद, अजमत, रफ़ीक़ अहमद, शायर अली, अच्छन अली, लाल मोहम्मद अंसारी, सफीक अहमद,यूसुफ अली, रियाजुद्दीन, अशरफ,हाजी मोबीन, इदरीस अली समेत काफ़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।