Hardoi News : एसटीएफ ने फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा करते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी लाल बिहारी पाल समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ का दावा है, कि इस गिरोह ने अब तक 1.40 लाख फर्जी जन्म और 2500 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं।
जिले में एसटीएफ ने फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार कर गिरोह का खुलासा किया है। आरोपियों में जिले के अहिरोरी ब्लॉक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी लाल बिहारी पाल भी शामिल है। अब तक की जांच में लाल बिहारी पाल ही गैंग का सरगना बताया जा रहा है।
एसटीएफ का दावा है कि यह लोग अब तक 1.40 लाख फर्जी जन्म और 2500 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर चुके हैं। यहां पर यह उल्लेखनीय है, कि जुलाई में जिले में भी दो ग्राम पंचायतों से 700 से ज्यादा फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए थे। हालांकि इसका खुलासा कर पुलिस आरोपियों को जेल भेज चुकी है।
एसटीएफ की लखनऊ इकाई ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह को पकड़ा है। इसमें लखनऊ जनपद के कृष्णा नगर थाना क्षेत्र के सुभाषनगर निवासी लाल बिहारी पाल, गोंडा के पिपरा बिटोरा मढिया निवासी रवि वर्मा, उसका भाई सोनू वर्मा, इसी गांव का सत्यमोहन वर्मा और वंशराज वर्मा शामिल हैं।
बड़े पैमाने पर जारी किए थे फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र
इन लोगों के पास से पांच मोबाइल फोन, 14 आयुष्मान कार्ड, सात एटीएम, 25 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र पांच मृत्यु प्रमाण पत्र, एक हार्डडिस्क, एक कार, एक ड्राइविंग लाइसें और 27690 रुपये बरामद किए हैं। इनमें लाल बिहारी पाल हरदोई के अहिरोरी विकास खंड में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर तैनात है। हरदोई के टड़ियावां क्षेत्र के अलीशाबाद और रावल में भी बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। एसटीएफ की कार्रवाई को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।
दो महीने के लिए अवकाश पर था लाल बिहारी
जनपद में फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने का खुलासा होने के बाद लाल बिहारी ने ब्लाक में आना जाना कम कर दिया था। इसके बाद वह 23 अगस्त से 22 अक्तूबर तक के लिए अर्जित अवकाश लेकर चला गया था। अर्जित अवकाश पर जाने की वजह अब लोगों को समझ में आ रही है। एसटीएफ का जो दावा है उससे लगता है कि लाल बिहारी लंबे समय से फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के काम में शामिल था।
