शाहाबाद/हरदोई : शाहाबाद वन विभाग, लकड़कटों की मिलीभगत के चलते शाहाबाद को रेगिस्तान बनाने का काम किया जा रहा है । बड़ी संख्या में शाहाबाद सर्किल में प्रतिबंधित और हरे पेड़ों पर आरा चलाया जा रहा है। वन विभाग यदा-कदा कार्यवाही करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है। शाहाबाद नगर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कई माह से सूखी और जलौनी लकड़ी के नाम पर बड़े पैमाने पर कटान किया जा रहा है।
बताया जा रहा है सूखे और जलाने योग्य पेड़ों का परमिट बनाने के बाद यह खेल शुरू होता है। वन विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सूखी और जलौनी लकड़ी दिखाकर ठेकेदार परमिट बनवा लेते हैं और उसकी आड़ में ज्यादा पेड़ों का कटान कर लेते हैं जिसमें वन विभाग की पूरी मिलीभगत रहती है। हालांकि वन रेंज अधिकारी अपने को ईमानदार साबित करने में कोई कसर बाकी नहीं रखते हैं लेकिन लकड़ कटे उनकी ईमानदारी पर पूरी तरह से पानी फेर देते हैं।
बताया जाता है चालक लकड़ कटे जब सूखे पेड़ का परमिट बनवाते हैं तो उस जगह से पहले सूखा पेड़ नहीं बल्कि हरे पेड़ों पर आरा चलाते हैं जिसकी जानकारी वन विभाग को पूरी तरह से रहती है । हरे पेड़ों को निपटाने के बाद आराम से परमिट वाले सूखे पेड़ों को काट लेते हैं और आरा मशीनों पर पहुंचा दिया जाता। आरा मशीनों पर क्षेत्रीय वन दरोगाओं की आवाजाही होती है और उनकी मुकम्मल आवभगत होती है।
यहीं पर लकड़ कटों से वन विभाग का सारा हिसाब किताब किया जाता है। सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों और अरबों रुपया वृक्षारोपण पर खर्च कर रही है परंतु शाहाबाद रेंज में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से हरियाली पर आरा चलाया जा रहा है।
आरा मशीनों पर ड्यूटी करते हैं वन दरोगा
वन दरोगा सरकार के कारिंदे हैं उन्हें सरकार की ड्यूटी करना चाहिए। लेकिन किसी भी वक्त आप शाहबाद में तैनात वन दरोगाओं को चेक करना चाहे तो आरा मशीन पर आराम फरमाते हुए देखा जा सकता है। नगर की गिनी चुनी आरा मशीनों पर यह वन दरोगा चारपाई पर तकिया लगा कर आराम से लेटे हुए देखे जा सकते हैं क्योंकि लकड़ियों पर आरा चलाने के बाद शाम के वक्त सभी लकडकट्टे आरा मशीन पर पहुंच जाते हैं फिर यहीं पर सारा हिसाब किताब हो जाता है।