हरदोई: सोमवार को हरियावां थाने में तैनात एक दरोगा को एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। रामाशीष सब इंस्पेक्टर थाना हरियावां में विवेचना में एक आरोपी का नाम निकालने के बदले वह दस हजार रुपए की मांग कर रहे थे। हरियावां थाने के गुलरिया गांव निवासी इकबाल ने बताया कि गांव के ही मोमिना के साथ उसकी मां फिरोजा का बकरी के विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद मोमीना ने एक एनसीआर 12 अगस्त को दर्ज कराई। जिसमें इकबाल, उसके पिता बशीर, माता फिरोजा और बहन सालिहा को आरोपी बनाया था।
13 तारीख को फिरोजा ने भी एक एनसीआर दर्ज कराई जिसमें मोमिना, उसका पति करीम और बेटे यूसुफ को आरोपी बनाया था। इकबाल ने बताया घटना के रोज वह हरियाणा राज्य के सोनीपत जनपद में था। बावजूद इसके उसको आरोपी बना दिया गया। मामूली से घटना में कूट रचित दस्तावेजों का प्रयोग करके भारतीय दंड संहिता की धारा 308 दर्ज कर दी गई। इकबाल ने बताया घटना की सूचना मिलने के बाद उसने लोकल पुलिस से संपर्क किया।
डीएम, एसपी सहित तमाम माला अधिकारियों के चक्कर लगाए लेकिन किसी ने भी उसकी एक न सुनी। इसके बाद 21 सितंबर को उसने एंटी करप्शन विभाग को गोपनीय सूचना देकर विवेचना रामाशीष सिंह द्वारा 20 हजार की मांग किए जाने और मुकदमे से उसका नाम निकाले जाने की बात बताई। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम आज हरदोई पहुंची, जहाँ उसने टीम द्वारा दिए 10 हजार रुपए दरोगा रामाशीष को दिए। जैसे ही रामाशीष ने वह पैसे अपनी जेब में रखें एंटी करप्शन टीम ने उसे धर दबोचा। पूरी कार्यवाही निरीक्षक नुरुल हुदा खान के नेतृत्व में हुई।