शाहाबाद/हरदोई (Hardoi News): मनरेगा योजना में ब्लाक अधिकारियों की मिली भगत से गरीबों का हक मारा जा रहा है। पीएम मोदी की गांव में ही रोजगार देने के संकल्पों पर प्रधान पानी फेर रहे हैं।जेसीबी और ट्रैक्टर्स आदि से ग्राम पंचायतों में कार्य कराये जाने से लोगों को रोजगार न मिलने से गरीब पलायन को मजबूर हो रहे हैं।
ग्राम प्रधान लोगों को रोजगार न देकर मशीनों से मनरेगा कार्य कराते हैं, जबकि मनरेगा में जेसीबी ट्रैक्टर आदि से कार्य करने पर पूर्ण रूप से मनाही है। इसके बाबजूद रायपुर गुलरिया में ग्राम प्रधान व सचिव मिलकर ट्रैक्टर से तालाब को बना रहे हैं।साहब यह ब्लाक शाहबाद है यहाँ सब कुछ जायज है जो जितना कमीशन अधिकारियों को देता है उतना उसे छूट दे दी जाती है। इसीलिए गरीबों की यह योजना मनरेगा ग्राम प्रधान सचिव की बपौती बन कर रह गयी है।
जब मनरेगा में जेसीबी, ट्रैक्टर से कार्य होंगे तो श्रमिकों को कैसे काम मिले और उनका कैसे रुकेगा पलायन।केंद्र सरकार की रोजगार गारंटी योजना में ग्राम प्रधान मनमानी कर रहे हैं। तथा जिम्मेदार योजना का लाभ उठा रहे हैं।यहां ब्लाक अधिकारियों की मिली भगत से योजनाओं पर डाका पड़ना कोई नई बात नही है।इसीलिए जिम्मेदार गरीबों के प्रति उदासीन हैं।
उक्त कार्य उमाकांत लाला के खेत में तालाब मनरेगा द्वारा व कुनेंद्र पाल के खेत में तालाब मनरेगा द्वारा ट्रैक्टरों से लेवल किया जा रहा है।पहले जुताई फिर लेवलिंग की जा रही है।अब जिम्मेदार बताएंगे कि किस मजदूर के खाते पर पैसा भेजा जाएगा।जब मजदूर की जगह ट्रैक्टर काम करेगा तो किसकी आईडी और किन खातों पर तथा किन लोगों के खाते में पैसा जाएगा।