लखनऊ: लखनऊ सीएमएस स्कूल के संस्थापक जगदीश गांधी का रविवार रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। गांधी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज शहर के मेंदाता अस्पताल में चल रहा था। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा। रविवार रात में एक बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष के थे। कार्डियक अरेस्ट के बाद ट्रेन में ऑक्सीजन की कमी के चलते उन्हें 28 दिसंबर को मेदांता में भर्ती कराया गया, तभी से उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
सीएमएस के सूचना विभाग ने बताया, फिलहाल उनके परिवार के सदस्य देश से बाहर हैं। उन्हें सूचना भेज दी गई है। मंगलवार को उनके पार्थिव शव को सीएमएस गोमतीनगर एक्सटेंशन कैंपस में रखा जाएगा। उसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। डॉ. जगदीश गांधी का जन्म एक किसान परिवार में अलीगढ़ जनपद के ग्राम बरसौली में 10 नवम्बर 1936 को हुआ। उनकी माता बासमती देवी एक धार्मिक महिला थीं। उनके पिता फूलचन्द्र अग्रवाल गांव के लेखपाल थे।
कहा जाता है कि डॉ. जगदीश गांधी बचपन से ही महात्मा गाची की सत्य, अहिंसा, सेवा, सादगी और सर्व-धर्म समभाव से प्रभावित थे। 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी की हत्या की खबर सुनकर जगदीश प्रसाद अग्रवाल का मन विचलित हो गया। उस समय वे एक छात्र थे। उसके बाद जगदीश ने अपने पिता की सहमति से स्कूल के प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर अपना नाम ‘जगदीश प्रसाद अग्रवाल’ से बदलकर जगदीश गांधी करने का निवेदन किया।
सीएमएस का नाम गिनीज रिकार्ड में एक ही शहर में सबसे अधिक (वर्तमान में 61,000 से अधिक) बच्चों वाले विश्व के सबसे बड़े स्कूल के रूप में दर्ज है। साल 2002 में यूनेस्को ने ‘अंतर्राष्ट्रीय शांति शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के संस्थापक और प्रबंधक डॉ. जगदीश गांधी को 21 अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक सम्मेलनों के साथ ही विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज हैं।