प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में टोंस नदी पर पुल बनाया गया है. इसका सीएम योगी ने उद्घाटन किया था। पिछले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3357 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण किया था, जिसमें यह पुल भी शामिल था। उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित तहसील बारा, मेजा और कोरांव को मध्य प्रदेश से जोड़ने के लिए इस पुल का निर्माण कराया गया था। हालांकि, पुल चालू हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि इसमें दरारें पड़ गईं।
प्रयागराज में साल 2025 में महाकुंभ लगना है, इसको लेकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार तैयारियों में जुटी हुई है। सड़क निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। इसी कड़ी में वहीं, पुल पर दरार आने का मुद्दा जब गरमाया तो सेतु निगम की टीम ने मंगलवार को दो घंटे के लिए पुल पर आवागमन रोककर वहां पर मिट्टी डाली और रोलर चलाया, जिसके बाद आवागमन शुरू कर दिया गया। बता दें कि नारीबारी में टोंस नदी पर बने नए पुल के निर्माण में की गई लापरवाही के मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
इस पुल के निर्माण को 2019 में स्वीकृति मिली थी। 2021 में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा इसकी आधारशिला रखी गई थी। यह पुल शंकरगढ़, नारीबारी, चाकघाट, रीवा, जारी, खीरी, कोरांव, मेजा, मांडा एवं मिर्जापुर सहित दो राज्य एवं तीन जिलों को जोड़ता है। इस पुल से लगभग ढाई सौ गांव के लोग लाभान्वित होते हैं। उद्घाटन के बाद इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। फिलहाल इस पूरे मामले में शासन ने जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि शीघ्र ही टेक्निकल टीम इसकी जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इसके अलावा शासन ने मुख्य परियोजना प्रबंधक मनोज अग्रवाल से आख्या भी मांगी है। मामले को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा- प्रयागराज में मुख्यमंत्री जी द्वारा उद्धाटित पुल का 10 घंटे में ही दरक जाना एक गंभीर विषय है, जबकि कुंभ मेले का समय पास आता जा रहा है। भ्रष्टाचार के कमजोर स्तंभों पर मजबूत पुल कैसे बन सकते हैं? गुजरात में भी ऐसा ही हुआ था। जन-जीवन की सुरक्षा के लिए आग्रह है, ‘गुजरात का विकास मॉडल’ यहां न लगाया जाए।
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अखिलेश यादव द्वारा X पर की गई पोस्ट |
इस पूरे मामले में जिम्मेदार उच्चाधिकारियों की भी बड़ी लापरवाही रही। पुल का निर्माण होने के बाद उच्चाधिकारियों ने इसकी गुणवत्ता को परखना तक जरूरी नहीं समझा। हालांकि, मुख्यमंत्री के हाथों इसका लोकार्पण जरूर करा दिया गया। इस तरह की लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती थी। मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम, प्रयागराज के मनोज अग्रवालने बताया कि पुल अभी लेवल पर नहीं आया है, इसलिए इसमें दरार नजर आ रही है। मंगलवार को दो घंटे के लिए पुल पर आवागम बंद करके इसे मिट्टी डालकर लेवल किया गया है। अगले महीने भी कुछ दरारें देखने को मिल सकती हैं। यह दरारें मिट्टी बैठने के कारण आती हैं।