सीतापुर: वि०खं० पिसावाँ के ग्रा०पं० माथन की नालियों में गंदगी से भरे दूषित पानी लोगों को जीवन जीने पर मजबूर व परेशानी का सबब बना हुआ है। जहां एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वच्छ भारत मिशन की मुहिम को लेकर लाखों करोड़ रुपए का बजट पेश कर सख्त रुख अपनाते हुए स्वच्छता से संबंधित दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर वि०खं०पिसावाँ के ग्रा०पंo माथन में सफ़ाई के नाम पर स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं गाँव गांव वासियों ने बताया ग्राम पंचायत में सालों साल कोई साफ़ सफ़ाई नहीं होती है साफ़–सफ़ाई न होने के कारण सभी नालियां चोक हैं नालियों में भारी गंदगी से रास्ते में जलभराव व कीचड़ से संक्रामक रोग फैलने एवं बीमारी बढ़ने की आशंका है।
यहां तक ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय जिसमें बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं उसके विचारों और गंदगी मलबा,कीचड़, एकत्रित है। एडीओ पंचायत इकराम अली को इस समस्या से दो से तीन बार अवगत कराया गया लेकिन उन्होंने ग्रामीणों की समस्या पर कोई भी ध्यान नहीं दिया।
वहीं दूसरी ओर वि०खं०पिसावाँ के अंतर्गत माथन गांव में बनी नालियों में व्याप्त भारी गंदगी कहीं ना कहीं जिम्मेदारों पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है। या फिर यूं कहें कि माथन गांव में तैनात सफाई कर्मी नदारत ही नहीं बल्कि एडीओ पंचायत पिसावां का ड्राइवर बना हुआ है। और उनकी गाड़ी चला रहा है इसी लिए साफ़ सफ़ाई का सालों–साल ग्रा०पं०माथन में कोई कर्मचारी झांकने तक नहीं आता है।
इस से यह मालूम होता है कि ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारी द्वारा गांव की ओर कोई ध्यान आकर्षित ना होना, कहीं ना कहीं इस लापरवाही पर सवाल खड़ा कर रहा है, या फिर यह कहा जाए कि, सरकारी नौकरी की हनक और रुपए की खनक में चूर जिम्मेदार सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को दरकिनार करने में तुले हुए हैं।
गांववासियों का कहना है कि हमारे ग्राम में प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और माननीय प्रधानमंत्री जी की छवि को धूमिल किया जा रहा है ग्रामीणों ने बताया कि नाली में व्याप्त गंदगी को हमें मजबूरन साफ करना पड़ता है क्योंकि सफाई कर्मी का कोई भी अता पता नहीं रहता। नाली के जाम रहने के चलते नाली के दूषित पानी का निकास नहीं हो पाता और जल भराव की समस्या बनी रहती है।
बीते कई वर्षों से अभी तक इस समस्या से ग्रामीणों को कोई निजात नहीं मिल सकी है अब देखना यह है कि सफाई कर्मियों के लापरवाही का सिलसिला अब भी जारी रहेगा। और ग्राम पंचायत माथन का सफ़ाई कर्मी एडीओ पंचायत का ड्राइवर बना रहेगा या वापस सफ़ाई की ओर आकर ग्रामीणों को दूषित जल से उत्पन्न हो रही बीमारियों से निजात दिलाएगा।
रिपोर्ट – सईद अहमद