चंदौसी (सम्भल): एमपी-एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले 28 अक्तूबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी। जिसके बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। यह मामला हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता निवासी संभल ने 23 जनवरी 2025 को एमपी-एमएलए कोर्ट में वाद दाखिल कर आरोप लगाया था। कि राहुल गांधी का बयान समाज में अस्थिरता और वैमनस्य फैलाने वाला है। उनका कहना था, कि राहुल गांधी ने 15 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा था। कि हमारी लड़ाई भाजपा या आरएसएस से नहीं, बल्कि इंडियन स्टेट से है।
उनका कहना है कि यह बयान देश के लोकतांत्रिक ढांचे और सरकारी संस्थाओं पर प्रश्नचिह्न लगाता है। तथा जनमानस की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। इसके बाद सिमरन गुप्ता ने संभल में राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ 23 जनवरी 2025 को एमपी एमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया। बाद में सिमरन ने पुनरीक्षण याचिका दायर की। जिस पर एडीजे कोर्ट ने सुनवाई शुरू की। अपर जिला न्यायाधीश (एडीजे)-द्वितीय निर्भय नारायण सिंह की कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ 20 मार्च को नोटिस जारी किया। जिसमें राहुल गांधी को कोर्ट के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया था।
28 अक्तूबर को चन्दौसी स्थित जिला न्यायालय परिसर में एडीजे आरती फौजदार की अदालत में सुनवाई हुई थी। राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद सगीर सैफी और याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सचिन गोयल ने पक्ष रखा था। राहुल गांधी पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि यह पुनरीक्षण याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। जबकि याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि बयान से जनता की भावनाएं आहत हुई हैं, और मामला गंभीर है।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। 07 नवंबर शुक्रवार को कोर्ट ने याचिका पर फैसला सुनाते हुए उसे खारिज कर दिया। राहुल गांधी के अधिवक्ता सगीर सैफी ने बताया कि बहस पहले हो चुकी थी। शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी है। वहीं याचिकाकर्ता सिमरन गुप्ता ने बताया कि वह अब हाई कोर्ट में याचिका का दायर करेंगे।
