शाहाबाद/हरदोई। मंडी समिति में बनाए गए सरकारी खरीद केंद्रों पर पर पसरे सन्नाटे की रिपोर्टिंग पर उच्चाधिकारियों ने आढ़तियों के यहां गेहूं लिए जाने पर मंडी सचिव द्वारा रोक लगाने पर किसानों ने मंडी में हंगामा काटा।शाम तक हंगामा करने के बाद हरदोई से आए व्यापारी नेताओं के हस्तक्षेप के बाद दोबारा खरीद शुरू की जा सकी।
शासन की मंशानुसार खोले गए सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर अधिक से अधिक गेहूं खरीद किए जाने के निर्देश के बाद भी गेहूं क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहता है।इस समय मंडी समिति में व्यापारियों की आढ़त पर गेहूं का भाव सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों से 110 रुपए अधिक है।मंडी में आढ़तियों द्वारा किसान का गेहूं 2385 रुपए कुंतल लिया जा रहा है जबकि सरकारी क्रय केंद्रों पर 2275 में खरीदा जा रहा है।इसलिए किसान सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर गेहूं नहीं बेच रहा है।
क्रय केंद्रों पर पसरे सन्नाटे की सूचना पर उच्चाधिकारियों ने मंडी सचिव अमित कुमार और एसएमआई अवनीश कुमार सिंह को आढ़त पर गेंहू बेचने पर रोक लगाने के निर्देश दिए।शनिवार को मंडी सचिव और एसएमआई ने व्यापारियों की आढ़त पर गेंहू खरीदे जाने से रोकने का फरमान सुनाया।जिसके बाद व्यापारी और किसान भड़क उठे और हंगामा काटने लगे।
स्थानीय व्यापारी नेता महेंद्र राणा और बसंत गुप्ता मानव विवेक गुप्ता राजकिशोर गुप्ता आदि ने हरदोई मंडी समिति के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को मंडी के हालात से अवगत करवाया।हरदोई के व्यापारी नेताओं के आने तक किसान हंगामा काटते रहे।शाम को चार बजे हरदोई मंडी समिति के अध्यक्ष टीटू गुप्ता महामंत्री संजय गुप्ता व अन्य व्यापारी नेताओं के साथ मंडी समिति पहुंचे।
जहां सिरोमन नगर के काश्तकार राम प्रकाश, जशरथ पुर के मंगल, रनुआ पुर के अनिल, सहित सैकड़ों किसानों ने सरकारी केंद्रों की खरीद पर अपना विरोध जताया।मंडी के व्यापारी साजिद,राजकिशोर,मीना राइस मिल के मालिक,अतुल गुप्ता,मोटी राठौर और संजय गुप्ता सहित सभी आढ़तियों ने मंडी प्रशासन का विरोध करते हुए कहा किसान की आजादी का हनन किया जा रहा है।उसे उसकी फसल की कीमत नहीं दी रही है।किसान की समस्या पर व्यापारी मंडी आढ़ती ही किसान का मददगार होता है।
अगर किसान को सरकारी क्रय केंद्र पर खुली मंडी से अधिक मूल्य मिले तो किसान सरकारी केंद्र पर ही अपने गेंहू बेचेगा।हरदोई से आए व्यापारी नेताओं ने बताया हरदोई में किसान सरकारी केंद्र या आढ़ती के पास कहीं भी अपनी स्वेच्छा से अपनी फसल बेच सकता है।व्यापारी नेताओं और किसानों के हंगामे के दवाब में आकर मंडी प्रशासन ने हार मानते हुए किसानों को कहीं भी गेंहू बेचने के स्वतंत्र करने का फैसला किया।दिन भर के हंगामे के बाद शाम पांच बजे आढ़ती व्यापारियों के यहां तौल शुरू हो सकी।
रिपोर्ट- राम प्रकाश राठौर