Hardoi News: हरदोई में सवायजपुर की खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुराधा कुशवाहा ने क्षेत्रीय विधायक पर गाली गलौज करने और उनके साथियों पर कार की चाभी छीन लेने का आरोप लगाया है। विधायक के साथियों पर मारपीट का आरोप भी लगाया है। शहर कोतवाली में दी तहरीर में उन्होंने बताया कि बीते 13 अक्टूबर को सवायजपुर में कुछ स्कूली छात्राएं मोमोज और फिंगर चिप्स खाने के बाद बीमार हो गए थे। उस दिन विभागीय कार्य से लखनऊ गई थी।
एसडीएम के निर्देश पर सोमवार को वह सवायजपुर क्षेत्र में खाद्य सामग्री की दुकानों का निरीक्षण करने और नमूने लेने को गईं थीं। सवायजपुर स्थित सैनी मिष्ठान भंडार पर नमूना भरने की कार्रवाई कर रहीं थीं। आरोप है कि इसी बीच क्षेत्रीय विधायक माधवेंद्र सिंह और उनके समर्थक वहां पहुंच गए। विधायक ने उन्हें गाली दी और अभद्रता की। दरवाजा खोलकर मारने के लिए उतरने लगे। इतना ही नहीं अनुराधा कुशवाहा के चालक अखिलेश सिंह को विधायक के साथ आए लोगों ने पकड़ लिया और कार की चाभी छीन ली। मारा पीटा और खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सवायजपुर में नजर न आने की धमकी दी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने घटना की जानकारी एसडीएम सवायजपुर को फोन पर दी। एसडीएम ने मौके पर पुलिस बल भेजा और पुलिस की सुरक्षा में उन्हें तहसील बुला लिया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी का यह भी आरोप है कि विधायक के भतीजे व चार समर्थकों ने उन पर समझौता करने के लिए दबाव भी तहसील परिसर में बनाया।
वहीं पूरे मामले पर विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू का कहना है कि सारे आरोप निराधार हैं। वह अपनी भाभी की दवा लेने जा रहे थे। इसी दौरान व्यापारियों की भीड़ ने उन्हें रोका और उत्पीड़नात्मक कार्रवाई से बचाने की गुहार लगाई। इस पर उन्होंने खाद्य सुरक्षा अधिकारी से बातचीत की थी। और इस घटनाक्रम में सैनी मिष्ठान भंडार के प्रोपराइटर विजय सैनी ने भी सवायजपुर थाने में खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुराधा कुशवाहा के खिलाफ तहरीर दी है।
तहरीर में विजय सैनी ने कहा है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुराधा कुशवाहा उनकी दुकान पर आईं और सैंपल भरने के दौरान 20 हजार रुपये की मांग की। रुपये न देने पर उन्होंने झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी। वहीं सवाल यह भी उठ रहा है कि टीम के क्यों नहीं गई, और सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं ली? सरकारी दो-दो गाड़ियां विभाग में होने के बाद भी पर्सनल कार से क्यों गईं?
खाद्य विभाग द्वारा अवैध वसूली का यह प्रकरण पहला नहीं है, इससे पहले भी कई इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। अनुराधा कुशवाह हरदोई जनपद में लगभग 7 वर्षो से तैनात हैं, जनपद की सभी तहसीलों में रह चुकी हैं, जहां भी जिस तहसील में जाती हैं उनके विवादित मामले रहते हैं। ऐसा प्रथम बार नहीं हुआ है, लगभग 3 वर्ष हो रहे हैं जब शाहाबाद में एसडीएम शाहाबाद पर भी गलत आरोप लगाया था। इतना ही नहीं टड़ियावां में दुकानदारों से जमकर वसूली की थी जिसकी शिकायत शासन में की गई थी और वीडियो भी दुकानदारों की बनाकर भेजी गई थी।
पूर्व में बिलग्राम बिलग्राम के दुकानदारों की शिकायत पर विधायक बिलग्राम, मल्लावां ने अपना लेटर पैड लगाकर जांच की मांग की थी जिसकी कार्रवाई लंबित है। अनुराधा कुशवाहा हमेशा विवादों से गिरी रही है कई दर्जन इनकी शिकायत है। शासन व प्रशासन के पास मौजूद हैं, शिकायतों की जांच में सत्यता पाए जाने के बावजूद अनुराधा कुशवाहा किन कारणों के चलते हरदोई जनपद में 7 वर्षों से कार्यरत हैं यह एक गंभीर प्रश्न है। जहां तक की सवाल अभिहित अधिकारी सतीश कुमार का किया जाए तो उन्होंने तो सारी हदें ही पार कर दी हैं। सतीश कुमार अपनी वसूली के लिए विभाग में सबसे वरिष्ठ इंस्पेक्टर को छोड़कर रामकिशोर को मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर जिलाधिकारी से स्वीकृत कर लिए। यह भी एक गंभीर विषय है।
जिला अधिकारी को संज्ञान में लेना चाहिए सतीश कुमार राम किशोर को साथ में लेकर वसूली के लिए निकल जाते हैं और पूरे जिले में जमकर वसूली हो रही है। खाद्य विभाग के अभिहित अधिकारी सतीश कुमार के खिलाफ पहले के डीएम ने भी और वर्तमान डीएम एमपी सिंह ने भी शासन को अवैध वसूली के खिलाफ रिपोर्ट भेज कर कार्रवाई की संस्तुति की है। अभिहित अधिकारी सतीश कुमार, सहित ज्यादातर निरीक्षक के खिलाफ व्यापारी लामबंद हो चुके हैं।