लखनऊ/हरदोई: हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को उत्तर प्रदेश में हजारों की संख्या में वकील सड़कों पर उतर आए। वकीलों ने सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान लखनऊ में अधिवक्ताओं की पुलिस से झड़प भी हो गई। बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए हनुमान सेतु से परिवर्तन चौक जाने वाले रास्ते को बैरिकेडिंग लगाकर बंद किया गया है। इधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में प्रदेश सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता के पद से यूपी बार काउंसिल के सदस्य अखिलेश अवस्थी ने इस्तीफा दे दिया है।
दरअसल, गुरुवार सुबह वकीलों ने आम सभा की। इसमें तय हुआ था कि आज सरकार के खिलाफ पुतला फूंका जाएगा। दोपहर करीब 1.30 बजे ग्लोब पार्क वाले तिराहे पर हजारों की संख्या में वकील इकट्ठा हुए। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसवाले तैनात थे। मगर वकीलों ने घेरा बनाकर पुतला में आग लगा दी। पुलिस ने पुतला छीनने का प्रयास किया तो पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई। इस वक्त परिवर्तन चौक के आस-पास का एरिया ब्लॉक है। ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। यहां अभी भी वकील नारेबाजी कर रहे हैं। उनकी मांग है कि हिरासत में लिए वकीलों को छोड़ जाए।
हरदोई में अधिवक्ताओं ने सड़क पर निकाला मार्च
हरदोई में अधिवक्ता विगत कई दिनों से हड़ताल पर हैं। 29 अगस्त को हापुड़ में अधिवक्ताओं के साथ बर्बरता को लेकर प्रदेश भर में अधिवक्ता हड़ताल पर चल रहे हैं। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज हरदोई बार संघ के पदाधिकारी और समस्त अधिवक्ताओं ने कचहरी से एक मार्च निकाला। विरोध प्रदर्शन करते हुए अधिवक्ता कचहरी होते हुए पूरे कलेक्ट्रेट कैम्पस में विरोध प्रदर्शन करने के बाद सोल्जर बोर्ड चौराहा होते हुए सिनेमा चौराहे पहुंचे और वहां पर चक्का जाम कर दिया।
इसके बाद अधिवक्ताओं ने यूपी सरकार का पुतला फूंका है। अधिवक्ताओं ने एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए कहा कि हापुड़ के दोषियों पर जब तक कार्रवाई नहीं होती और अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं किया जाता तब तक अधिवक्ता अनवरत हड़ताल पर रहेंगे।
हापुड़ कांड को लेकर बार काउंसिल ने रखीं ये मांगें
- जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक हापुड़ का ट्रांसफर
जिन पुलिस कर्मियों ने लाठीचार्ज किया, उन पर मुकदमा दर्ज हो। - प्रदेशभर में वकीलों के खिलाफ पुलिस ने मनमाने ढंग से झूठी कहानी बनाकर जो मुकदमे दर्ज किए हैं, उन्हें खत्म किया जाए।
- एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट पारित कर तुरंत प्रदेश में लागू किया जाए।
- हापुड़ के घायल वकीलों को तुरंत मुआवजा दिया जाए।
- हनुमान सेतु से परिवर्तन चौक जाने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया गया है।
- हनुमान सेतु से परिवर्तन चौक जाने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया गया है।
- आखिर वकील क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन, जानिए क्या था विवाद
हापुड़ से हुई थी विवाद की शुरुआत
25 अगस्त दिन शुक्रवार को महिला वकील प्रियंका त्यागी अपने पिता और दो लोगों के साथ हापुड़ से गाजियाबाद जा रही थी। गढ़ रोड के पास एक सिपाही की लेपर्ड बाइक वकील की कार से टकराई। इसके बाद दोनों में कहासुनी हुई। सिपाही का आरोप था कि वह ड्यूटी पर थाने जा रहा था तभी कार ने हॉर्न बजाया। उसने कार को पास दे दिया लेकिन कार रुक गई। जिसमें से उतरी महिला वकील और उसके साथियों ने मारपीट शुरू कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस सभी पक्षों को लेकर कोतवाली पहुंची। सिपाही की तहरीर पर पुलिस ने प्रियंका और उनके पिता के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया।
इस मामले में महिला वकील प्रियंका त्यागी का आरोप था कि सिपाही उन्हें तहसील चौपला से पहले अश्लील हरकतें करते हुए घूर रहा लगातार पीछा करने लगा। इसके बाद हुए विवाद में पुलिस ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए उनके व परिवार पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही बड़ी तादाद में वकील कोतवाली में जुट गए। तब पुलिस ने महिला वकील और उनके पिता को रिहा कर दिया। मामले को शांत मान लिया गया लेकिन वकील इस घटना से आक्रोशित हो उठे।