गोरखपुर: जिले में नए असलहा लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया लगभग बंद हो चुकी है और अब केवल वरासत और हस्तांतरण के मामलों में ही लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने कुछ नई शर्तें लागू की हैं जिनकी वजह से आवेदकों के बीच काफी चर्चा हो रही है।
जिला प्रशासन ने अब असलहा वरासत और हस्तांतरण के लिए आवेदन करने वाले लोगों से यह शपथ पत्र जमा करने की मांग की है कि उनके घर में असलहा रखने के लिए उचित जगह है। इसके अलावा, आवेदकों को उस जगह की फोटो भी जमा करनी होगी जिसमें असलहा रखने की व्यवस्था दिखाई दे। कई आवेदक इस शर्त को पूरा करना भूल जाते हैं जिससे उनकी फाइल अधूरी रह जाती है।
ऐसे में फाइल को पूरा करने के लिए लोगों को मजबूरन अपनी आलमारी या अन्य जगह के साथ फोटो खिंचवाकर जमा करनी पड़ रही है। लगभग चार साल पहले जिले में असलहा लाइसेंस के संबंध में यह नियम लागू किया गया था कि आवेदकों को अपने घर में असलहा रखने की जगह की पुष्टि करनी होगी। हालांकि, उस समय कई लोगों ने इस नियम पर सवाल उठाए थे और कहा था कि जब घर में पहले से असलहा है तो उसे रखने की जगह पहले से होनी चाहिए।
इसके बावजूद नियम का पालन करना अनिवार्य है और आवेदकों को इसे पूरा करने के लिए शपथ पत्र और फोटो जमा करनी पड़ रही है। वरासत और हस्तांतरण के मामलों में लाइसेंस के लिए कई दस्तावेजों की जरूरत होती है जिनमें किसी थाने में मुकदमा पंजीकृत न होने का शपथ पत्र, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, शस्त्र भंडारण का शपथ पत्र और भंडारण के स्थान के साथ फोटो, तहसील रिपोर्ट के साथ अदेयता प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, चिकित्सा प्रमाण पत्र, कुटुम्ब रजिस्टर प्रमाण पत्र, वरासत के मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र और सेफ कस्टडी में शस्त्र जमा प्रमाण पत्र।
गोरखपुर जिले के थानों में जमा किए गए लाइसेंसी असलहों को वापस लेने में लोगों की रुचि कम हो रही है। पुलिस ने ऐसे 390 असलहों की सूची तैयार की है, जिनमें से 59 असलहों की फाइलें एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने जिलाधिकारी के पास भेज दी हैं। अगर ये असलहे नहीं उठाए गए, तो पुलिस उनके लाइसेंस निरस्त कर जब्तीकरण की कार्रवाई करेगी।