गोरखपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की मेस में खाना खाकर मंगलवार रात 15 छात्रों की तबीयत बिगड़ गई। छात्रों के पेट में दर्द और उल्टी होने पर इमरजेंसी में ले जाया गया। यहां छात्रों का इलाज किया गया। उन्हें दवाएं दी गईं। 14 छात्र प्राथमिक उपचार के बाद छात्रावास चले गए। जबकि एक छात्रा की हालत गंभीर होने पर इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक सभी छात्रों को माइल्ड फूड प्वाइजनिंग की शिकायत थी। एम्स प्रशासन ने मामले की जांच शुरू करा दी है। इस मामले को एम्स प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। माइक्रो बायोलाजी विभाग उसकी जांच करेगा। एम्स के एमबीबीएस, नर्सिंग छात्र व रेजीडेंट मंगलवार की रात भोजन करने मेस गए थे। उनकी संख्या लगभग 15 थी। प्रतिदिन की तरह उन्होंने भोजन किया लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ गई। किसी छात्र के पेट में दर्द होने लगा तो किसी को उल्टी होने लगी।
ठंड के मौसम में इस तरह की शिकायत आने पर हास्टल में अफरा-तफरी मच गई। सभी छात्रों को तत्काल इमरजेंसी में ले जाया गया। एक छात्रा को इमरजेंसी में रखा गया है। उसकी हालत खतरे से बाहर है। परीक्षाओं के कारण छात्र इस मुद्दे पर शांत रहे। छात्रों का कहना है कि इससे पहले भी मेस के खाने की शिकायतें आ चुकी है। कुछ दिन पूर्व छात्रों के खाने में कीड़ा निकला था।
इसके अलावा एम्स की कैंटीन में भी एक्सपायरी सामान बेचने की शिकायतें सामने आई थीं। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।मेस में खाने के बाद छात्रों को दिक्कतें आई थीं। उनका इमरजेंसी में तत्काल इलाज कराया गया। जांच में माइल्ड फूड प्वाइजनिंग की बात सामने आई है। मेस संचालक को चेतावनी देते हुए खाने के नमूने ले लिए गए हैं। मामले की जांच कराई जा रही है: डॉ. अरुप मोहंती, मीडिया प्रभारी, एम्स