नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले कोर्ट ने पूरे परिवार को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आजम खान और उनकी पत्नी तंजिमा व बेटे अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने तीनों को दोषी पाया और आज ही तीनों को कोर्ट से सीधे जेल भेजा जाएगा।
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने इस मामले में साल 2019 में लखनऊ के गंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार ने कहा कि अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को आरोपी बनाया गया था।
कोर्ट ने अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र को पाया फर्जी
शैक्षिक प्रमाण पत्रों में अब्दुल्ला की जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है जबकि उनके बर्थ सर्टिफिकेट में 30 सितंबर 1990 थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला की ओर से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया था। कोर्ट ने पाया था कि साल 2017 में चुनाव लड़ने के दौरान अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी। लेकिन साल 2022 में उन्होंने फिर से स्वार विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की। इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने इसी साल उन्हें दोषी पाया और फिर से उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई। इस मामले में कोर्ट ने 7-7 की सजा तीनों लोगों को सुनाई है।