लखनऊ: लखनऊ स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालय (ईपीएफओ) के सहायक कमिश्नर ज्ञानेंद्र कुमार, इंस्पेक्टर पुनीत सिंह और परामर्शक मनीष सिंह को सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने घूस लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। वानी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव शुक्ला ने तीनों के खिलाफ 29 जनवरी सीबीआई की एंटी करप्शन विंग में 12 लाख घूस मांगने की एफआईआर दर्ज कराई थी।
सीबीआई ने मंगलवार देर शाम तीनों को ट्रेप कर पकड़ लिया। तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रात में उनके ऑफिस और घरों में जांच पड़ताल की। बुधवार को तीनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक ईपीएफओ के कर्मचारियों को घूस लेते गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई की एक टीम ने मंगलवार रात उनके घरों पर तलाशी अभियान चलाया। जहां से आय से अधिक संप्तित और घूसखोरी से जुड़े साक्ष्य मिलने की बात सामने आई है।
सीबीआई की एंटी करप्शन शाखा से खुशेंदबाग निवासी वानी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव शुक्ला ने मदद मांगी थी। उनका आरोप था कि उनकी कंपनी मानव संसाधन आपूर्ति का काम करती है। कंपनी का असेसमेंट ईपीएफओ कार्यालय कर रहा है। वहां के सहायक कमिश्नर ज्ञानेंद्र, इंस्पेक्टर पुनीत गलत टैक्स का खेल का आरोप लगाकर 12 लाख रुपए मांग रहे हैं। उनका कहना है कि यदि पैसा नहीं दिया तो अतिरिक्त टैक्स लगा देंगे। कंसल्टेंट मनीष के माध्यम से यह डीलिंग कर रहे थे, जबकि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। सीबीआई की टीम ने पीड़ित की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर एक योजना के तहत तीनों को ट्रेप कर गिरफ्तार किया है।