IPC CrPC New Rules: गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में शुक्रवार को तीन बिल पेश किए, जिसमें कानूनों की नई परिभाष तय की गई है। कानूनों को नए रुप और नए नंबर दिए गए है, जिसके मुताबिक 302 और 420 जैसे चर्चित कानून के कोड बदलने वाले हैं। दरअसल अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बिल पेश किया है। इस बिल में IPC और CrPC की कई धाराएं बदलने का प्रस्ताव रखा गया है। तो चलिए जानते हैं भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद कौन सी धाराओं को बदल दिया जाएगा।
अब डिजिटल दर्ज करा पाएंगे FIR
अब अपराध चाहे थाना क्षेत्र के अंदर में हुआ हो या फिर बाहर हुआ है, लोग डिजिटल FIR दर्ज करा पाएंगे। FIR होने के बाद 90 दिनों के अंदर अनिवार्य रुप से चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी।
नए IPC में ये बदल गया
IPC की धारा-377 के मुताबिक़, अगर कोई व्यक्ति अप्राकृतिक रूप से यौन संबंध बनाता है तो उसे उम्रक़ैद या जुर्माने के साथ दस साल तक की क़ैद हो सकती है। अब कोई सजा नहीं होगी। धारा 377 को हटा दिया गया है। यह बदलेगा-एक नया सेक्शन जोड़ा गया है धारा 69। शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध” बनाने वाले व्यक्ति को अधिकतम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान। ये कृत्य ‘रेप’ की कैटेगरी में नहीं आएगा। धोखे से, लालच देकर, पहचान छिपाकर या महिला से शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाना रेप की कैटेगरी में नहीं आएगा। अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान।
पुराने IPC में 302 धारा हत्या के लिए लगाया जाता है, नए में 302 छिनैती के लिए लगेगा।
इसके अलावा धारा 420, 302 और 144 जैसी धाराओं को भी बदला जाएगा।
नई IPC की नई धाराऍं ..
1. हत्या के लिए सज़ा- धारा 101
2. आत्महत्या के लिए उकसाना- धारा 106
3. अपहरण- धारा 135
4.बलात्कार – धारा 63
5. सामूहिक बलात्कार- धारा 70
6. मानहानि- धारा 354 (महत्वपूर्ण)
7. धोखाधड़ी- धारा 316
8. दहेज हत्या- 799.
9. चोरी- धारा 301
10. छीनना- धारा 302