बाराबंकी. यूपी के बाराबंकी में एक युवक ने होटल में दलित किशोरी को बंधक बनाकर उसके साथ दुराचार किया। उसके बाद गाजियाबाद में भी किशोरी के साथ गलत काम किया। फिर चार दिनों के बाद किशोरी को उसके गांव के बाहर छोड़कर युवक फरार हो गया। किशोरी के मामा का आरोप है कि जब उसने इसकी शिकायत पुलिस के पास की तो चौकी इंचार्ज ने जबरन सुलह करा दिया। पीड़िता के मामा ने सीएम को पत्र भेजकर घटना की शिकायत की। साथ ही एसपी से मामले की शिकायत की तो उनके आदेश के बाद भी थाने की पुलिस ने तहरीर बदलकर मुकदमा दर्ज किया।
पूरा मामला मसौली थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर पुलिस चौकी के एक गांव से जुड़ा है, यहां के एक गांव की रहने वाली 16 वर्षीय दलित किशोरी बीती 22 अगस्त 2024 को शौच के बाद घर वापस लौट रही थी। इसी दौरान कुछ लोगों ने एक कार में पीड़िता को खींचकर बैठा लिया। अपहरणकर्ता अंकित वर्मा ने शहर के एक होटल में रख कर उसके साथ दुराचार किया, फिर वहां से गाजियाबाद ले जाकर तीन दिनों तक दुराचार किया। आरोपी 25 अगस्त को गांव के बाहर लेकर छोड़ गए, जिसके बाद मामले की जानकारी होने पर पीड़िता के मामा ने चौकी त्रिलोकपुर आकर एक तहरीर दी।
उनका आरोप है कि यहां सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक बैठाकर कोई कार्रवाई की जगह पीड़ित पक्ष का जबरन आरोपियों से सुलह करा दिया। सुलह के बदले एक लाख रुपया भी दिया, जिसमें से 50 हजार खाते में ऑनलाइन भेजा और बाकी नगद दिया गया। परिजनों का आरोप है कि किशोरी के मां बाप नहीं हैं। वह हम लोगों के पास ही रहती है। पीड़िता के मामा ने बताया कि सुनवाई न होने पर हम लोगों ने पूरे मामले की शिकायत एसपी से की। एसपी ने तहरीर पर मुकदमा दर्ज करके मेडिकल कराने का आदेश दिया।
एसपी ने थाना प्रभारी को फोन भी किया। दो घंटे बाद पुलिस पीड़िता के घर पहुंचकर मामा और पीड़िता को थाने ले आयी। इसके बाद थाने में एक युवक से मनमानी तहरीर लिखवा कर पीड़िता के साथ हुए कई तरह के अपराध हटाकर साइन बनवा कर मुकदमा दर्ज करके पीड़िता को थाने में ही बैठाए रखा। इसके अलावा तहरीर से त्रिलोकपुर पुलिस चौकी इंचार्ज मनोज कुमार का नाम भी निकलवा दिया। इसके साथ ही करीब 42 घंटे के बाद किशोरी का मेडिकल भी नहीं करवाया। यह पूरा मामला जब एसपी के संज्ञान में आया तो थाने के पुलिस कर्मियों को लाइन हाज़िर किया गया।