Edited By: IRSHAD KHAN
आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी ने उनकी पत्नी को पत्र लिखकर शोक व्यक्त किया है। खरगे ने सामाजिक पूर्वाग्रहों के चलते हुई इस घटना की निंदा की और कहा कि पूरन कुमार ने सामाजिक विसंगतियों से जूझते हुए आत्महत्या की। सोनिया गांधी ने भी परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए न्याय की लड़ाई में साथ देने की बात कही।
पंचकूला आईपीएस पूरन कुमार आत्महत्या प्रकरण में जहां एक ओर परिवार न्याय की मांग पर अड़ा हुआ है। वहीं विभिन्न राजनीतिक दल परिवार को समर्थन देते हुए उन्हें ढाढस बंधा रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खरगे ने पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी को चिट्ठी लिखकर शोक व्यक्त किया है। तथा इस प्रकरण की कड़ी निंदा की है।
उन्होंने अमनीत को चिट्ठी लिखते हुए कहा कि यह पत्र आपको लिखते समय मैं मन से बहुत आहत और विह्वल महसूस करते हुए निशब्द हूं। आपके पति और हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने सामाजिक पूर्वाग्रहों और विसंगतियों से जूझते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना की जानकारी से मेरे दिल को बहुत ठेस पहुंची।
“अपने जीवन के लंबे अनुभव में मैंने बहुत सी घटनाओं को करीब से देखा है, पर पक्षपात और विभेदनकारी सोच के चलते घटित हुई इस दुखद घटना ने मुझे और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले सभी साथियों को बहुत पीड़ा पहुंचायी है। जब हम चांद पर झंडा गाड़ कर गौरवान्वित हो रहे हैं, तो संविधान ने जिन लोगों पर जनता के दुख तकलीफ और पीड़ा से मुक्ति दिलाने का दायित्व सौंपा है, उनको भी हम सशक्त नहीं कर सके हैं, यह शर्मनाक है। शोक की इस घड़ी में हम सभी लोग आपके साथ हैं। उन्होने जो सवाल उठाए हैं, वे एक निर्णायक मुकाम तक पहुंचेगे। आपको भी बहुत धैर्य और साहस रखने की जरूरत है।” मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी ने भी दी प्रतिक्रिया
इससे पहले सोनिया गांधी ने पूरन कुमार की पत्नी को चिट्ठी लिखते हुए कहा कि पूरन कुमार की एक दुखदाई हादसे में देहांत की खबर स्तब्ध करने वाली भी है। और मन को व्यथित करने वाली भी। अपार मुश्किल की इस घड़ी में मेरी ओर से आपको और आपके पूरे परिवार को हार्दिक संवेदनाएं। पूरन कुमार का देहावसान हमें याद दिलाता रहेगा कि आज भी हुक्मरानों का पूर्वाग्रह से ग्रस्त पक्षपातपूर्ण रवैया बड़े से बड़े अधिकारी को भी सामाजिक न्याय की कसौटी से वंचित रखता है। न्याय की इस डगर पर मैं और करोड़ों देशवासी आपके साथ खड़े हैं।