रामपुर की विशेष सांसद-विधायक मजिस्ट्रेट अदालत ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता जनाब आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को पैन कार्ड मामले में दोषी ठहराया है। दोनों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है, साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है,यह मामला 2019 में भाजपा नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर दर्ज हुआ था, जिसमें आरोप था कि दोनों ने जाली दस्तावेजों से दो अलग-अलग जन्मतिथि वाले पैन कार्ड बनवाए हैं।
कानूनी_प्रक्रिया
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता के तहत सजा सुनाए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से आरोपी को हिरासत में लिया जाता है। आजम खान और अब्दुल्ला आजम को अदालत के अंदर ही हिरासत में ले लिया गया है, और वे फिलहाल जेल में ही रहेंगे लेकिन यह स्थायी नहीं है—वे अपील और जमानत के जरिए छूट सकते हैं।
अपील
मजिस्ट्रेट अदालत की सजा के खिलाफ वे 30 दिनों के अंदर सत्र न्यायालय में अपील दायर कर सकते हैं धारा 374Crpc
अगर अपील स्वीकार हो जाती है, तो सजा रद्द या कम हो सकती है। राजनीतिक मामलों में अपीलें अक्सर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट तक जाती हैं। आजम के पास पहले भी कई मामलों में अपील पर राहत मिल चुकी है (जैसे सितंबर 2025 में एक मामले में जमानत)
जमानत या सजा पर रोक:
अपील लंबित रहने तक धारा 389Crpc के तहत सत्र न्यायालय से सजा निलंबित करने की मांग कर सकते हैं, जिससे जमानत मिल जाए। सजा 7 साल की होने से स्वत: जमानत नहीं मिलती, लेकिन कोर्ट उम्र, स्वास्थ्य, और पहले के मामलों को देखते हुए जमानत दे सकता है,अब्दुल्ला आजम के लिए भी यही लागू होगा। अगर सत्र कोर्ट से न मिले, तो हाईकोर्ट (इलाहाबाद हाईकोर्ट) या सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की जा सकती है। प्रक्रिया में 1-2 हफ्ते से महीनों तक लग सकता है।
आजम खान 4 बार कैबिनेट मंत्री, 7 बार MLA, MP रहे
आजम खान 4 बार कैबिनेट मंत्री, 7 बार MLA, MP रहे हैं। देश में हजारों लोग होंगे जिनके दो दो पैन कार्ड हों, अनेकों सांसदों MLA उप मुख्यमंत्रियों के पास फर्जी सर्टिफिकेट और डिग्रियां हैं क्या उनके खिलाफ कोई कार्यवाही हो रही है?