हरदोई : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की सामग्री मद में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई है। नियमों की अनदेखी कर स्वीकृत राशि से अधिक भुगतान किए गए हैं। इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबडा ने 06 विकास खंडों के कार्यक्रम अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
यह गड़बड़ी लगभग 01 वर्ष बाद प्राप्त हुई धनराशि के भुगतान में हुई है। कई विकास खंड अधिकारियों ने दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए निर्धारित अनुमति से अधिक की राशि का भुगतान कर दिया। सी डी ओ ने शाहबाद, संडीला, पिहानी, कछौना, हरियावां और कोथावा के कार्यक्रम अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
सी डी ओ के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शाहाबाद में 86. 22 लाख की अनुमति के मुकाबले 101. 95 लख रुपए का भुगतान हुआ संडीला में 83. 83 लाख की जगह 109.79 लाख, पिहानी में 50. 21 लाख की अनुमति पर 50.89 लाख, कछौना में 19.77 लाख की जगह 33.52 लाख, हरियावां मैं 73 लाख की अनुमति पर 81.67 लाख,और कोथावां में 50. 40 लाख की अनुमति पर 58.16 लख रुपए का भुगतान किया गया है ।
जिन अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी की है, उनसे एक सप्ताह के भीतर साक्षयो सहित स्पष्टीकरण मांगा गया है। सी डी ओ ने चेतावनी दी है। कि यदि जवाब संतोष जनक नहीं पाया गया तो संबंधितों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा में ” फर्स्ट इन फर्स्ट कम ” का नियम लागू है। लेकिन कई ब्लॉक में इस नियम का भी पालन नहीं किया गया । पुराने कार्यों के भुगतान को रोककर नए कार्यों का भुगतान किया गया। जिससे ग्राम प्रधानों और कार्य प्रभारियो को अनुचित लाभ मिला है।
