खाद्य विभाग की टीम ने बरामद किया 30 टन चना… कपड़ा पीला करने वाले रंग से रंगा जा रहा था भुना चना

100 News Desk
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गोरखपुर: मिलावटखोरों ने भुना चना ज्यादा पीला दिखाने के लिए कपड़ा रंगने वाले केमिकल औरामाइन से चना रंगना शुरू कर दिया है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सोमवार को राजघाट थाना क्षेत्र के लाल डिग्गी में मेसर्स मां तारा ट्रेडर्स में छापा मारकर 750 बोरों में रखा तीस टन भुना चना जब्त कर लिया है।

जब्त चना की कीमत 18 लाख रुपये से ज्यादा है। इसमें से चार सौ बोरी चना मध्य प्रदेश और 350 बोरी चना छत्तीसगढ़ से मंगाया गया है। विभाग ने मेसर्स मां तारा ट्रेडर्स साहब गंज गीता प्रेस, मध्य प्रदेश में इंडस्ट्रियल एरिया कटनी के श्रीराम दाल इंडस्ट्रीज और छत्तीसगढ़ के एसवीजी पल्सेज बलूटा बाजार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

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सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि कई दिनों से भुना चना बाजार में बिकने की सूचना मिल रही थी। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसका बड़े पैमाने पर कारोबार होता है। टीम के सदस्य लगातार रेकी कर रहे थे। मेसर्स मां तारा ट्रेडर्स में भारी मात्रा में चना आने की पुष्टि के बाद छापा मारा गया। चना का नमूना लेकर अत्याधुनिक मोबाइल लैब फूड सेफ्टी आन व्हील्स (एफ एस डब्लू) में जांच की गई। चने में औरामाइन केमिकल मिलाने की पुष्टि हुई। यह एक प्रतिबंधित और जहरीला रसायन है।

375 बोरी चना का नहीं चला पता

श्रीराम दाल इंडस्ट्रीज इंडस्ट्रियल एरिया कटनी से 10 दिसंबर को मेसर्स मां तारा ट्रेडर्स के लिए 775 बोरों में भुना चना भेजा गया था। एक बोरी में 40 किलोग्राम चना है। सोमवार को खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापा मारा तो सिर्फ चार सौ बोरा चना मिला। बाकी 375 बोरा चना बेचा जा चुका था। प्रति क्विंटल चना 58 सौ रुपये में खरीदा गया था।

राप्तीनगर में फेल हो चुका है नमूना

राप्तीनगर के एक मार्ट से पिछले वर्ष खाद्य सुरक्षा विभाग ने भुना चना का नमूना लिया था। चना पर पीलापन ज्यादा होने पर अधिकारियों को शक हुआ था। नमूने की रिपोर्ट आने पर पता चला कि इस पर औरामाइन लगाया गया है। व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है।

अंतरराज्यीय है नेटवर्क

अधिकारियों का कहना है कि भुना चना बेचने के लिए अंतरराज्यीय नेटवर्क काम कर रहा है। नेटवर्क के सदस्य हवाला के जरिये रुपये का भुगतान करते हैं। विभाग अब इस सप्लाई चेन की भी जांच कर रहा है।

औरामाइन मूल रूप से कपड़ा रंगने वाली डाई है। मुनाफाखोर चने को पीला और चमकदार दिखाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। इसका सेवन लिवर, किडनी को खराब कर सकता है और यह कैंसरकारी भी है।

  • डॉ. अखिलेश सिंह, वरिष्ठ फिजिशियन

कपड़ा पीला करने वाले रंग से रंगा जा रहा था भुना चना,

{ मिलावटखोरों के खिलाफ विभाग की जीरो टालरेंस नीति है। विशेष सूचना तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है और आगे भी ऐसी कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। लोग खुद भी खाद्य पदार्थों की खरीद के पहले पूरी जानकारी ले लें।}

  • डॉ. सुधीर कुमार सिंह, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग
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