Edited by: IRSHAD KHAN
उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही उम्मीदवारों को इस बार जेब ढीली होने का अंदेशा लग गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार नामांकन शुल्क, जमानत राशि व अधिकतम खर्च सीमा में बड़ी बढ़ोतरी कर दी है। वर्ष 2020 के मुकाबले इस बार औसतन डेढ़ से दो गुना तक बढ़ोतरी की गई है।
प्रधान व बीडीसी को पिछले चुनाव में 300 रुपये में नामांकन फार्म मिला था। इस बार इसके लिए छह सौ रुपये खर्च करने होंगे। इसी तरह जिला पंचायत सदस्य को पांच सौ की जगह एक हजार करने होगें।राज्य निर्वाचन आयोग से 2026 में प्र्रस्तावित पंचायत चुनाव के लिए जारी आदेशों के मुताबिक अब ग्राम पंचायत सदस्य को भी नामांकन फार्म 150 की जगह 200 रुपये का मिलेगा।
अगर इसकी जमानत राशि की बात करें तो पंचायत सदस्य को अब 500 की जगह 800 रुपये जमा करने होंगे। इसी तरह ग्राम प्रधान प्रत्याशी को 2000 की जगह 3000 रुपये की राशि जमा करनी होगी।बीडीसी सदस्य को 2000 की जगह 3000 रुपये जमा करने होंगे। जिला पंचायत सदस्य के लिए यह राशि 4000 से बढ़ाकर 8000 रुपये कर दी गई है। इसी तरह चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा भी बढ़ा दी गई है।
ग्राम पंचायत सदस्य के लिए यह सीमा 10 हजार रुपये पर स्थिर रखी गई है, लेकिन ग्राम प्रधान अब 75 हजार की जगह 1.25 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे।क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए यह सीमा 75 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये व जिला पंचायत सदस्य के लिए 1.5 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई है।
ब्लाक प्रमुख के प्रत्याशी अब अधिकतम 3.5 लाख रुपये व जिला पंचायत अध्यक्ष सात लाख रुपये तक खर्च कर पाएंगे। शासन से स्पष्ट आदेश हैं कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व महिला प्रत्याशियों को नामांकन व जमानत राशि में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। हालांकि खर्च सीमा में किसी तरह की रियायत नहीं दी गई है।
गांवों में चर्चा, महंगाई की उड़ान भरेगा चुनाव
जमानत, खर्च सीमा में इस बड़ी बढ़ोतरी को लेकर गांवों में हलचल शुरू हो गई है। कई पूर्व प्रधानों का कहना है कि अब चुनाव अमीरों का खेल बनता जा रहा है। पहले जहां साधारण प्रत्याशी कुछ हजार रुपये में चुनाव लड़ लेता था, वहीं अब केवल नामांकन व प्रचार पर हजारों खर्च होंगे।
