नई दिल्ली : सोमवार को 72 साल के वकील राकेश किशोर ने सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। लेकिन सुरक्षा गार्डों ने तुरंत हरकत में आकर उन्हें पकड़ लिया। बाद में सीजेआई ने भी साफ किया था कि उन्हें इस बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता और वकील को जाने देने के कहा था।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले की कोशिश के बाद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अधिवक्ता राकेश किशोर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अदालती कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने का प्रयास करने वाले राकेश किशोर को आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई तक देश भर की किसी भी अदालत, न्यायाधिकरण या कानूनी प्राधिकरण में वकालत करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
वकील को कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा। जिसमें आदेश प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर जवाब देना होगा। जिसमें यह बताना होगा कि निलंबन क्यों जारी न रखा जाए और आगे की कार्रवाई क्यों न की जाए। दिल्ली बार काउंसिल को बिना किसी देरी के आदेश लागू करने का निर्देश दिया गया है। इसमें वकील की स्थिति को अपनी आधिकारिक सूची में अपडेट करना और अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी अदालतों और न्यायाधिकरणों को निलंबन के बारे में सूचित करना शामिल है।
दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उस समय कोर्टरूम में ड्रामा शुरू हो गया। जब एक वकील ने सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने की कोशिश की। राकेश किशोर को कोर्टरूम से बाहर ले जाते समय उन्होंने चिल्लाकर कहा, “भारत सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।” वकील की इस हरकत के बाद सुप्रीम कोर्ट से लेकर सियासी जगत में बवाल मच गया। मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने अपने एक बयान में कहा कि यह दलित का अपमान है।
सोनिया गांधी ने की हमले की निंदा
सर्वोच्च न्यायालय में भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले की निंदा करने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं हैं। यह न केवल उन पर, बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है। मुख्य न्यायाधीश गवई बहुत दयालु रहे हैं । लेकिन राष्ट्र को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ एकजुट होकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसकी निंदा करते हुए इसे दलित का अपमान बताया।
दिग्विजय सिंह ने मीडिया से कहा कि मैं इस घटना और घटना के पीछे की मानसिकता की निंदा करता हूं। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या ऐसी घटनाएं सिर्फ इसलिए होंगी क्योंकि एक दलित सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन है ?’’ उन्होंने कहा, “मैं इस घटना की कड़े शब्दों में आलोचना करता हूं। और अपराधी को सजा देने की मांग करता हूं।”
जीतू पटवारी ने की निंदा
इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला न्याय पालिका की गरिमा और हमारे संविधान की मूल भावना पर हमला है। ऐसी नफरत का देश में कोई स्थान नहीं है। मैं कठोर शब्दों में निंदा करता हूं।