लखनऊ — नवाबों के शहर लखनऊ ने अपनी शाही पाक परंपरा और अनोखे स्वाद से एक बार फिर दुनिया को अपना दीवाना बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को (UNESCO) ने लखनऊ को “क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी” (Creative City of Gastronomy) का दर्जा दिया है। इस मान्यता के साथ लखनऊ अब दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है, जो अपने विशिष्ट खानपान, स्वाद और पाक-संस्कृति के लिए प्रसिद्ध हैं।
क्या है “क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी”?
यूनेस्को का “क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क” (UNESCO Creative Cities Network) एक वैश्विक समूह है जिसमें वे शहर शामिल किए जाते हैं जो संस्कृति, रचनात्मकता और परंपरा के माध्यम से समाज को आगे बढ़ा रहे हैं।
इस नेटवर्क की सात श्रेणियाँ हैं — साहित्य, संगीत, शिल्प एवं लोककला, डिज़ाइन, सिनेमा, मीडिया आर्ट्स, और गैस्ट्रोनॉमी (खानपान)। लखनऊ को “गैस्ट्रोनॉमी” श्रेणी में शामिल किया गया है, जिसका अर्थ है कि उसकी पाक कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता मिली है।
अवधी रसोई की कहानी: स्वाद और शाही परंपरा का संगम
लखनऊ की रसोई को अवधी खानपान कहा जाता है, जिसकी शुरुआत नवाबों के दौर में हुई थी। उस समय खाना सिर्फ पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि कला का रूप था। यहाँ के व्यंजन “दम” तकनीक से पकाए जाते हैं — यानी धीमी आँच पर, ताकि मसालों की खुशबू और स्वाद पूरी तरह भोजन में उतर जाए।
लखनऊ के प्रसिद्ध व्यंजन जो बने इस मान्यता की पहचान
- गलौटी कबाब – ऐसा नरम कबाब जो मुँह में घुल जाता है; कहा जाता है इसे एक दाँतहीन नवाब के लिए बनाया गया था।
- तुन्डे कबाबी – सैकड़ों साल पुरानी रेसिपी वाला कबाब, जो आज भी अमीनाबाद की पहचान है।
- अवधी बिरयानी – दम पर पकी खुशबूदार बिरयानी, जिसमें मसालों का संतुलन शाही स्वाद देता है।
- मख़न मलई – सर्दियों का मीठा चमत्कार, जो दूध और केसर से तैयार होता है।
- टोकरी चाट – कुरकुरी आलू की टोकरी में दही, चटनी और मसालों का अद्भुत संगम।
क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस उपलब्धि को “नवाबी स्वाद की वैश्विक जीत” बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा —
“यह उत्तर प्रदेश की संस्कृति, परंपरा और लखनऊ की नवाबी रसोई की सृजनशीलता की पहचान है। यह उपलब्धि पर्यटन, रोजगार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नया आयाम देगी।”
स्थानीय शेफ और रेस्टोरेंट मालिकों के अनुसार, इस मान्यता से लखनऊ का पाक उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी विकसित होगा।
लखनऊ को “क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी” का दर्जा मिलना सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि यह इस शहर की नवाबी तहज़ीब, परंपरा और स्वाद की जीवंत कहानी है। अब लखनऊ का “ज़ायका” दुनिया के हर कोने तक पहुँचेगा — और “पहले आप” कहने वाला यह शहर, अब “पहले स्वाद” के लिए भी जाना जाएगा।