लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ों पर करारा चोट किया है। रायबरेली और फतेहपुर जिलों के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों (ARTO) समेत कुल 11 कर्मचारियों के खिलाफ अवैध वसूली और ओवरलोड ट्रकों को मिलीभगत से पास करने के गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई के बाद दोनों जिलों के परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया है।
STF के इंस्पेक्टर की ओऱ से थाने में दर्ज कराई गई FIR में सनसनीखेज आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि रायबरेली और फतेहपुर के ARTO, PTO (प्रवर्तन परिवहन अधिकारी) और उनकी टीमों के सदस्य ओवरलोड ट्रकों से मोटी रकम वसूलकर उन्हें बिना किसी जांच के पास करा रहे थे। यह अवैध वसूली बड़े पैमाने पर हो रही थी, जिसमें ट्रक मालिकों से तय रेट के हिसाब से पैसे लिए जाते थे। कई मामलों में ट्रक बिना वजन जांच और दस्तावेजों की पड़ताल के ही क्लियर कर दिए जाते थे, जिससे सड़क सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा था और सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा था।
विभाग में दहशत, अन्य जिलों में अलर्ट
सूत्रों के अनुसार, STF को लंबे समय से इन दोनों जिलों में ओवरलोड ट्रकों से अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थीं। जांच के बाद STF ने आखिरकार कार्रवाई की। FIR में नामजद आरोपियों में ARTO रायबरेली, ARTO फतेहपुर, संबंधित PTO और उनकी टीमों के कई सदस्य शामिल हैं। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत की गई है।
इस मुकदमे की खबर फैलते ही यूपी परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया। रायबरेली और फतेहपुर के परिवहन कार्यालयों में कर्मचारी सहमे हुए हैं, जबकि उच्चाधिकारी जांच की आशंका से परेशान हैं। सूत्र बता रहे हैं कि STF की यह कार्रवाई पूरे प्रदेश में परिवहन विभाग के लिए सबक बन गई है। अन्य जिलों में भी ओवरलोडिंग चेकिंग और वसूली पर सख्त निगरानी बढ़ा दी गई है।
क्या बोले अफसर?
क्षेत्राधिकारी लालगंज (रायबरेली) अमित सिंह ने कहा, “STF इंस्पेक्टर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आगे की जांच में जो भी संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह जांच का सिर्फ शुरुआती चरण है और जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।
यूपी में ओवरलोड ट्रकों की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। खनन, निर्माण और परिवहन क्षेत्र से जुड़े ट्रक अक्सर निर्धारित वजन से ज्यादा माल लादकर सड़कों पर दौड़ते हैं, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ती हैं और सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा था।
STF को ट्रक चालकों, मालिकों और आम नागरिकों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। आखिरकार, सबूतों के आधार पर यह बड़ी कार्रवाई हुई। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह कार्रवाई विभाग की साख के लिए जरूरी थी। अब सभी जिलों में ईमानदारी से काम करने का दबाव बढ़ेगा।