जांच हो या मर्ज सब रहेगा दर्ज, एक क्लिक पर मिलेगी मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री

100 News Desk
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Highlights
  • जांच हो या मर्ज सब रहेगा दर्ज, एक क्लिक पर मिलेगी मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री;
  • आने वाले समय में आधार कार्ड की तरह जरूरी होगा आभा कार्ड ---डाक्टर जितेन्द्र श्रीवास्तव

Hardoi News: सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं डिजिटल हो रहीं है। अब किसी भी मरीज की पुरानी बीमारी जांच रिपोर्ट और दवाओं की जानकारी एक क्लिक पर सामने होगी। मरीजों की आभा आईडी बनाई जा रही है इस आईडी पर अब मरीजों की जिंदगी भर के उपचार की कुंडली बनाई जा रही है।

डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सरकार आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दे रही है। इसके तहत प्रत्येक मरीज की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जा रही है। पिहानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयुष्मान भव: कार्यक्रम के साथ आईडी बनाने का काम शुरू हो गया है। कस्बा पिहानी व ग्रामीण इलाकों में डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव के निर्देश पर आशा बहू, एनम, जैनम सभी स्वास्थ्य कर्मी डोर टू डोर आभा कार्ड बना रहे हैं।

सीएचसी प्रभारी डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों के इलाज कराने वाले सभी मरीजों की हेल्थ आईडी बनेगी। आईडी बनने के बाद सभी मरीजों का ब्योरा आभा पोर्टल पर पर अपलोड किया जाएगा। देश में कई ऐसी योजनाएं चल रही हैं, जिनका लाभ गरीब वर्ग और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। शहरों के अलावा ग्रामीण इलाकों तक इन योजनाओं को पहुंचाया जा रहा है, क्योंकि गांव में रहने वाले लोगों को खासतौर पर इन योजनाओं की जरूरत होती है।

जांच हो या मर्ज सब रहेगा दर्ज, एक क्लिक पर मिलेगी मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री
फोटो — डोर टू डोर आभा कार्ड बनाती पिहानी स्वास्थ्य विभाग की टीम

 

ऐसी ही एक योजना है डिजिटल हेल्थ कार्ड यानी आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट। इसे केंद्र सरकार की तरफ से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू किया गया है। इस योजना के तहत उन लोगों को फायदा मिलेगा, जो लोग बीमार रहते हैं और उन्हें डॉक्टर के पास अपने इलाज के लिए जाना पड़ता है। ये डिजिटल कार्ड होता है, जिसमें आप अपने सारे मेडिकल रिकॉर्ड सेव करके रख सकते हैं। मतलब आप कब बीमार हुए, आपने किस डॉक्टर को दिखाया, क्या टेस्ट करवाएं आदि सब जानकारी होगी।

कौन बनवा सकता है कार्ड?

बात अगर इस कार्ड को बनवाने की पात्रता की करें, तो इस कार्ड को कोई भी बनवा सकता है। इस कार्ड को बनवाने के बाद आप इसका लाभ ले पाएंगे। कार्ड को बनवाने के लिए आप एनडीएमएच हेल्थ रिकॉर्ड्स एप को डाउनलोड कर सकते हैं या फिर आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर भी जा सकते हैं। इस कार्ड में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय आप अपने आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए इससे जुड़ सकते हैं।

एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी

इस आईडी में मरीजों की मर्ज के शुरुआत तक का उपचार और जांच सब कुछ दर्ज किया जा रहा है। कहीं भी उपचार लिए जाने पर चिकित्सक द्वारा पोर्टल पर मरीज की आईडी डालने ही एक क्लिक पर बीमारी व पहले हो चुकीं जांचों की रिपोर्ट, दवाएं, ब्लड ग्रुप की जानकारी सामने होगी।

ऐसे में चिकित्सकों को मरीजों को सही उपचार करने में मदद मिलेगी। बताया कि अभी तक आयुष्मान कार्ड धारकों की आईडी बनाई जा चुकी है।

बिना आईडी के इलाज नहीं कर पाएंगे चिकित्सक

डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आभा आईडी स्वास्थ्य विभाग का डिजिटल प्लेटफार्म है। इस पर मरीजों की पुरानी बीमारियों के अलावा बुखार तक का इलाज कराने की जानकारी होगी। बिना आभा आईडी के भविष्य में कोई भी चिकित्सक मरीजों का उपचार नहीं कर सकेगा।

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