रामपुर: उत्तर प्रदेश सरकार ने उन बच्चों के लिए एक खास योजना शुरू की है जो जिंदगी के बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं। जिन बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है या जिनके माता-पिता गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उन परिवारों के बच्चों के लिए यह योजना एक बड़ी राहत बनकर सामने आई है। सरकार की मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना ऐसे बच्चों को हर महीने 4,000 रुपये की आर्थिक मदद देती है। ताकि उनकी पढ़ाई लिखाई, खाना, कपड़े और रोजमर्रा की जरूरतें बिना रुकावट पूरी हो सकें।
योजना की शुरुआत कोविड महामारी के दौर में हुई थी। जब बड़ी संख्या में बच्चे अनाथ हो गए थे। बाद में सरकार ने इसे विस्तार देकर उन सभी बच्चों को शामिल किया, जो आर्थिक मुश्किलों, पारिवारिक टूटन, बीमारी, बेघर या बाल श्रम और भिक्षावृत्ति जैसे खतरों में फंसे हुए हैं। आज भी कई बच्चे रेलवे स्टेशनों, फुटपाथों या अस्थाई ठिकानों में रह रहे हैं।
इन बच्चों को मिलेगा योजना का लाभ
योजना का लाभ कौन ले सकता है, यह अक्सर लोग ठीक से समझ नहीं पाते। सरकार ने साफ किया है, कि यह योजना उन्हीं बच्चों के लिए है, जिनके परिवार की आर्थिक हालत वाकई कमजोर है। ग्रामीण इलाकों के बच्चों के लिए परिवार की वार्षिक आय 72,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। जबकि शहर के बच्चों के लिए यह सीमा 96,000 रुपये तय की गई है। अगर बच्चे के माता-पिता दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं तो आय सीमा का नियम लागू नहीं होता यानी ऐसे अनाथ बच्चों को सीधे योजना का लाभ दिया जाता है।
लगेंगे ये दस्तावेज
‘वन स्टॉप वन सेंटर’ की मनो सामाजिक परामर्श दाता चारु चौहान ने बताया कि योजना में आवेदन करने के लिए कुछ दस्तावेज जरूरी होते हैं। जैसे बच्चे और माता-पिता का आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, माता-पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र और स्कूल में पढ़ाई का प्रमाण पत्र। आवेदन जमा होने के बाद अधिकारियों की टीम इसकी पूरी जांच करती है। सब कुछ सही पाया गया तो बच्चे के खाते में हर महीने 4,000 रुपए आने लगते हैं। यह रकम सीधे डीबीटी के जरिए भेजी जाती है, ताकि बीच में कोई परेशानी न आए।
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इतनी हो बच्चे की उम्र
चारु चौधरी के अनुसार, सरकार का मकसद यह सुनिश्चित करना है। कि किसी भी बच्चे की पढ़ाई सिर्फ इसलिए न छूटे कि उसके पास आर्थिक साधन नहीं हैं। उन्होंने बताया कि एक परिवार के दो बच्चे इस योजना का लाभ ले सकते हैं। अगर दोनों बच्चे आवेदन करते हैं तो परिवार को हर महीने कुल 8,000 रुपये की मदद दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि योजना का लाभ पाने के लिए बच्चे की उम्र 18 साल से कम होना जरूरी है। आवेदन की प्रक्रिया भी बहुत आसान है। परिवार को विकास भवन स्थित प्रोबेशन कार्यालय से फॉर्म लेना होता है और वहीं जमा करना होता है। इसके बाद अधिकारियों की टीम घर जाकर जांच करती है।
चारु चौधरी कहती हैं कि यह योजना उन परिवारों के लिए एक बड़ी उम्मीद है, जिनका आर्थिक सहारा छिन चुका है। कई मामले ऐसे भी आए हैं जहां माता-पिता के बीमारी से बिस्तर पर पड़ जाने के बाद बच्चों की पढ़ाई रुक गई थी। आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर होती है कि परिवार दो वक्त की रोटी तक के लिए संघर्ष कर रहा होता है। ऐसे में हर महीने मिलने वाले 4,000 रुपये बच्चों की जिंदगी में बड़ा फर्क ला रहे है। अब बच्चों के खाते में हर महीने आएंगे 4000 रुपए, सरकार की यह दमदार योजना शुरू