लखनऊ : उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को जल्द ही नया अध्यक्ष मिल सकता है। इसके लिए आयोग के अध्यक्ष पद पर चयन के लिए पात्रता को विस्तारित किया गया है। अब राज्य सरकार में प्रमुख सचिव या उसके समकक्ष पद पर होने या इस पद पर रह चुके व्यक्ति को भी अध्यक्ष बनाया जा सकेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 में संशोधन करने प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए मंजूरी दे दी गई। इस पद पर एक वरिष्ठ पूर्व आईपीएस अधिकारी को लाए जाने की चर्चा है।
अब यह उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश-2025 कहलाएगा। पहले इस अध्यादेश में आयोग के अध्यक्ष पद के लिए अर्हता भारतीय प्रशासनिक सेवा का सदस्य हो, या रहा हो, और राज्य सरकार में प्रमुख सचिव का पद या उसके समकक्ष पद धारण किया हो। इसी के साथ वह या तो विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय का कुलपति हो या रहा हो या किसी विश्वविद्यालय का कम से कम 10 वर्ष से आचार्य हो या रहा हो और जिसके पास कम से कम तीन वर्ष का प्रशासनिक अनुभव हो, यह शर्त थी।
अब इसमें संशोधन करते हुए, भारतीय प्रशासनिक सेवा का सदस्य हो या रहा हो और राज्य सरकार में प्रमुख सचिव का पद या उसके समकक्ष धारण किया हो, के स्थान पर राज्य सरकार में प्रमुख सचिव का पद या उसके समकक्ष पद पर हो या रहा हो, को प्रतिस्थापित किया गया है।
गोरखपुर के अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के निर्माण व बढ़ी दरों को भी मंजूरी
गोरखपुर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजनों के लिए एक अत्याधुनिक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण कार्य को ईपीसी मोड पर कराए जाने तथा एल-1 ठेकेदार की विभागीय दरों से अधिक दर पर निविदा स्वीकृत को भी हरी झंडी मिल गई है। नियोजन विभाग के इस प्रस्ताव को भी मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए मंजूरी दे दी गई।
