लखनऊ: खतौनी और वरासत को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। राजस्व परिषद ने खतौनी में अंश निर्धारण के लिए नई व्यवस्था लागू की है। अंश निर्धारण के लिए पहले ग्रामवार व्यवस्था लागू थी, लेकिन इसके चलते वरासत का काम रुक जाता था। इसीलिए अब गाटावार अंश निर्धारण की व्यवस्था लागू की गई है। राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव कंचन वर्मा ने इस संबंध में विस्तृत निर्देश जिलाधिकारियों को भेज दिए हैं।
इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा-31 (2) के अनुरूप प्रदेश के सभी राजस्व गांवों की खतौनियों में खातेदारों/सह-खातेदारों के गाटों में अंश निर्धारण का काम करने का निर्देश पूर्व में दिया गया था। भूलेख पोर्टल के मुताबिक प्रदेश के 1,06,666 गांवों के 7.62 करोड़ गाटों में 6.56 करोड़ में अंश निर्धारण काम पूरा हो चुका है। अभी 1.06 करोड़ गाटों में अंश निर्धारण का काम शेष बचा हुआ है। पूर्व व्यवस्था के अनुसार प्रदेश के किसी राजस्व गांव में जब गाटों में अंश निर्धारण के समय पूरे राजस्व गांव काम रोक दिया जाता है, जिससे अन्य किसी गाटे में वरासत, नामांतरण आदि जैसे काम प्रभावित हो जाते हैं। इसके चलते अंश निर्धारण की प्रक्रिया में आंशिक बदलाव किया गया है।
राजस्व परिषद के आदेश के मुताबिक गांववार लाकिंग के स्थान पर अब इसे गाटावार किया जाएगा, जिससे प्रदेश के किसी राजस्व गांव के अन्य गाटे खुले रहेंगे और काम प्रभावित नहीं होगा। गाटावार अंश निर्धारण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सबसे पहले भू-लेख बेवसाइट के तहसीलवार एडमिन लॉगिंन कर गाटावार अंश निर्धारण का विकल्प चुनेगा। इसमें अंश निर्धारण वाले गांव का ही चयन किया जाएगा। इसके बाद ऐसे सभी गाटों की सूची प्रदर्शित होगी, जिनमें अंश का निर्धारण नहीं हुआ है। इसके बाद संबंधित गाटे का चयन किया जाएगा और अंश निर्धारण की प्रक्रिया का विकल्प चुना जाएगा। इसके आधार पर अंश निर्धारण का काम किया जाएगा।
किसी भी गाटे में अंश निर्धारण की प्रक्रिया से जोड़ने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसका अंश निर्धारण करना संभव है या नहीं। संभव होने की स्थिति में ही गाटे को अंश निर्धारण की प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा। गाटे को लॉक करने के बाद अंश निर्धारण होते ही उसी दिन अनलॉक कर दिया जाएगा। इसलिए अंश निर्धारण का काम एक ही दिन में करना होगा। इसके आधार पर बचे हुए अंश निर्धारण का काम किया जाएगा, जिससे किसी अन्य को परेशानी न होने पाए।
