पाली/हरदोई: पाली क्षेत्र में झोला छाप डॉक्टरों की भरमार है। चौक-चौराहे पर बड़े-बड़े बोर्ड लगा कर ये डॉक्टर भोले-भाले ग्रामीणों को ठगने के प्रयास में लगे हैं। क्षेत्र की भोली-भाली जनता को झांसे में लेकर यह आर्थिक दोहन के साथ-साथ शारीरिक नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही के लिए सीएमओ हरदोई ने शाहाबाद सीएचसी अधीक्षक डॉ प्रवीण दीक्षित को नोडल अधिकारी नामित किया है लेकिन फिर भी पाली क्षेत्र के किसी भी झोलाछाप डॉक्टर पर उन्होंने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
लोगों की माने तो पाली पक्षोहा क्षेत्र में झोला छाप डाक्टरों द्वारा हर मर्ज का इलाज करने के साथ ही आपरेशन तक किये जा रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टरों को इस बात का भी डर नहीं होता कि मरीज मरेगा या उसे इंफेक्शन भी हो सकता है। ऐसे नीम-हकीम के चक्कर में आये दिन कई लोगों की जान तक चली जाती है। वहीं, झोलाछाप डॉक्टर अपनी-अपनी क्लीनिक के आगे बड़े-बड़े अक्षरों में कई तरह की डिग्री लिखा बोर्ड लगाने में भी परहेज नहीं करते हैं।
सरकारी अस्पतालों में सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए निःशुल्क दवाओं सहित कई जांचे भी निःशुल्क में कराये जाने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। फिर भी क्षेत्रीय लोग इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास उल्टी, दस्त आदि सामान्य बीमारियों के अलावा मियादी बुखार, डेंगू, मलेरिया, हैजा, पीलिया, चिकन पॉक्स व एलर्जी तक का इलाज कराने पहुंचते हैं। यहां बिना डिग्री और प्रशिक्षण के लोगों को इंजेक्शन लगाने के साथ ग्लूकोज व अन्य दवाओं को चढ़ा देते हैं।
दवा की डोज की सही जानकारी न होने के बावजूद सामान्य बीमारी में लोगों को दवा की हैवी डोज दे देते हैं। इसके चलते कई बार लोगों को एलर्जी व शारीरिक अपंगता तक हो जाती है। जगह-जगह पर खुलेआम यह मौत के सौदागर बैठे हैं पर जिम्मेदार इन पर कार्यवाही करने की जहमत तक नहीं उठाते। वहीं मामले को लेकर जब नोडल अधिकारी डॉ प्रवीण दीक्षित से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें पाली क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर व गैर पंजीकृत क्लीनिकों के संचालन की जानकारी ही नहीं है।
रिपोर्ट-जनार्दन श्रीवास्तव