लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत माफिया से खाली कराई गई सरकारी जमीनों पर विकास की नई कहानी लिखी जा रही है। इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी हजरतगंज के डालीबाग क्षेत्र में माफिया मुख्तार अंसारी से मुक्त कराई गई कीमती जमीन पर बने ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के फ्लैट्स की चाबी 72 लाभार्थियों को सौंपेंगे। कार्यक्रम का आयोजन डीजीपी आवास के सामने एकता वन में किया जाएगा। मुख्यमंत्री स्वयं लाभार्थियों को उनके नए घर की चाबी प्रदान करेंगे। यह फ्लैट्स सरदार वल्लभ भाई पटेल आवासीय योजना के अंतर्गत बनाए गए हैं जिनकी कीमत 10.70 लाख रुपये प्रति यूनिट निर्धारित की गई है।
अवैध कब्जे से मुक्त कराई जमीन पर शुरू हुआ विकास का नया अध्याय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में चलाए जा रहे अभियान के तहत कई माफियाओं से सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया। इन्हीं में से एक उदाहरण लखनऊ के डालीबाग इलाके की वह जमीन है जो लंबे समय से माफिया मुख्तार अंसारी के कब्जे में थी। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने इस जमीन को मुक्त कराकर यहां सरदार वल्लभ भाई पटेल आवासीय योजना की शुरुआत की।
योजना के अंतर्गत 2,322 वर्गमीटर भूमि पर फ्लैट्स का निर्माण किया गया है। एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इस योजना को विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह योजना इस बात का प्रतीक है कि सरकार अवैध कब्जों को विकास की दिशा में परिवर्तित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त 72 ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स एलडीए की इस योजना में ग्राउंड प्लस थ्री स्ट्रक्चर वाले तीन ब्लॉकों में कुल 72 फ्लैट्स बनाए गए हैं। प्रत्येक फ्लैट का क्षेत्रफल 36.65 वर्गमीटर है। योजना में स्वच्छ पेयजल, बिजली, सुरक्षा व्यवस्था और दोपहिया वाहनों की पार्किंग की पर्याप्त सुविधा दी गई है। साथ ही, सड़क और पार्क जैसे बाह्य विकास कार्य भी पूर्ण कर लिए गए हैं। इन ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की कीमत 10.70 लाख रुपये रखी गई है, जिससे आम नागरिक भी इसे खरीद सकें। मंगलवार को लॉटरी प्रक्रिया पूरी की गई, जिसमें चयनित 72 लाभार्थियों के नाम तय हैं।
प्राइम लोकेशन, बेहतर कनेक्टिविटी
डालीबाग की यह योजना 20 मीटर चौड़ी बंधा रोड पर स्थित है। यहां से बालू अड्डा, 1090 चौराहा, नरही, सिकंदरबाग और हजरतगंज चौराहा मात्र पांच से दस मिनट की दूरी पर हैं। शहर के सबसे पॉश इलाकों में स्थित होने के कारण यह योजना लाभार्थियों के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगी। एलडीए अधिकारियों का कहना है कि यह आवास योजना उन लोगों के लिए है जो शहर में अपने घर का सपना देख रहे थे लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अब तक इसे पूरा नहीं कर पाए थे।
8000 लोगों ने किया आवेदन
सरदार वल्लभ भाई पटेल आवासीय योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 4 अक्टूबर से 3 नवम्बर 2025 तक चली। इस दौरान लगभग 8000 लोगों ने आवेदन किया, जिनमें से 72 आवेदकों का चयन लॉटरी के माध्यम से किया गया। यह योजना न केवल गरीबों के लिए घर का सपना साकार कर रही है बल्कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अवैध कब्जों के खिलाफ चल रहे अभियान की सफलता का प्रतीक भी है।
विकास और न्याय का संगम
मुख्यमंत्री योगी का यह कदम दर्शाता है कि प्रदेश सरकार माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश की दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रही है। अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई जमीनों पर गरीबों के लिए आवास बनाकर सरकार न केवल विकास को गति दे रही है। बल्कि सामाजिक न्याय को भी नई पहचान दे रही है।
